देहरादून: दुनिया भर में कोरोना वायरस को लेकर लगातार खबरें सामने आ रही हैं. हर जगह इसे लेकर विशेष एहतियात बरती जा रही है. वहीं बात अगर उत्तराखंड की करें तो यहां कोरोना को लेकर तैयारियों के साथ राजनीति भी तेज हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत इसे लेकर इन दिनों आमने-सामने हैं. कोरोना वायरस को लेकर दोनों ही सियासी योद्धा अपने-अपने कमान से शब्दभेदी तीर निकालकर चलाने में कोई कमी पेशी नहीं कर रहे हैं.
कोरोना पर उत्तराखंड में मचा 'सियासी' घमासान दुनियाभार में महामारी घोषित हो चुके कोरोना वायरस पर उत्तराखंड की सियासत में कुछ अलग ही गुल खिलाये जा रहे हैं. यहां राजनीतिक रूप से इनदिनों कोरोना वायरस राजनेताओं की चिंता बना हुआ है. ये गंभीरता कोरोना वायरस पर लोगों को जागरूक करने की कम बल्कि दूसरे दल और नेता को नीचा दिखाने की ज्यादा दिख रही है.
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ताजा मामला हरीश रावत के उस बयान को लेकर है जिसमें उन्होंने त्रिवेंद्र सरकार को तीन साल के कार्यक्रम की बजाय कोरोना वायरस की तैयारियों में जुटने की सलाह दी थी. इस मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी कहां पीछे रहने वाले थे. उन्होंने भी हरीश रावत को जवाब देते हुए कहा कि उन्हें जहां की जिम्मेदारी दी गई हैं वहां का ख्याल करना चाहिए, राज्य की चिंता के लिए हम हैं.
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बता दें हरीश रावत को एमपी में बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बाद वहां की जिम्मेदारी दी गई है. जिस पर तंज कसते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनको जवाब दिया है. त्रिवेंद्र सिंह रावत और हरीश रावत के वार- पलटवार के बाद कांग्रेस के नेता भी इसमें कूद पड़े हैं. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान पर बोलते हुए कहा कि कोरोना को लेकर हरीश रावत की चिंता जायज है, सरकार को इसक पर ध्यान देना चाहिए. बिष्ट ने कहा मध्यप्रदेश में जो भी हो रहा है वो भाजपा की देन है.