उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / city

बदहाल सड़कों के लिए जिम्मेदार संस्था पर होगा केस दर्ज, हादसों पर नकेल कसने की कवायद - Dehradun Latest News

राज्य के मुख्य मार्गों पर टूटी सड़कों पर संबंधित विभाग से सामंजस्य बनाकर उन्हें दुरुस्त किया जाए. ताकि खस्ताहाल सड़कों की वजह से होने वाले सड़क हादसों पर रोक लगाई जा सके. हालांकि, इससे पहले भी मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्यदाई संस्थाओं की लापरवाही से कई जानलेवा सड़क हादसे हो चुके हैं.

टूटी सड़कों की मरम्मत न होने पर कार्यदायी संस्था पर दर्ज होगा के

By

Published : Oct 12, 2019, 6:36 PM IST

Updated : Oct 12, 2019, 7:47 PM IST

देहरादून: राज्य में खस्ताहाल सड़कों को दुरुस्त करने व सड़क सुरक्षा का जिम्मा लोक निर्माण विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों को जिम्मा सौंपा गया है, बावजूद इसके टूटी सड़कों की वजह से दुर्घटनाओं में लगातार इजाफा होता जा रहा है. मॉनसून सीजन में अलग-अलग जगहों पर कई सड़क मार्ग खस्ताहाल हो चुके हैं लेकिन संबंधित विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. ऐसे में पुलिस मुख्यालय ने संबंधित विभागों के साथ सामंजस्य बनाकर ट्रैफिक निदेशालय के डीआईजी को सड़क सुरक्षा की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं. इतना ही नहीं टूटी सड़कों की वजह से सड़कों पर होने वाले हादसों के लिए अब पुलिस संबंधित विभाग के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में है.

टूटी सड़कों की मरम्मत न होने पर कार्यदायी संस्था पर दर्ज होगा के
सड़कों की मरम्मत को लेकर संबंधित विभाग सुस्तमॉनसून सीजन के बाद दीपावली से पहले टूटी-फूटी सड़कों की मरम्मत कराने की दिशा में लोक निर्माण विभाग के साथ ही अब ट्रैफिक निदेशालय की कार्रवाई में जुटा है. ट्रैफिक निदेशालय संबंधित विभागों से सामंजस्य बनाकर सड़कों की स्थिति सुधारने की कोशिशों में जुट गया है. राज्य में अपराध व कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले महानिदेशक अशोक कुमार ने दीपावली से पहले ट्रैफिक निदेशालय के डीआईजी केवल खुराना, एसपी ट्रैफिक और सीपीयू प्रभारी को इस मामले में निर्देश दिए है.

पढ़ें-स्वास्थ्य महकमे में चिकित्सकों का अटैचमेंट बना मजबूरी, दुर्गम में कमी और शहरों में जरूरत

जिसमें कहा गया है कि राज्य के मुख्य मार्गों पर टूटी सड़कों पर संबंधित विभाग से सामंजस्य बनाकर उन्हें दुरुस्त किया जाए. ताकि खस्ताहाल सड़कों की वजह से होने वाले सड़क हादसों पर रोक लगाई जा सके. हालांकि, इससे पहले भी मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्यदाई संस्थाओं की लापरवाही से कई जानलेवा सड़क हादसे हो चुके हैं.

पढ़ें-दिव्यांगों के लिए वरदान साबित हो रही केंद्रीय ब्रेल प्रेस, मिल रही है शिक्षा की रोशनी

उधर, ट्रैफिक निदेशालय डीआईजी के मुताबिक हाईवे पर स्पीड लिमिट कम करने के बोर्ड लगाने का काम शुरू हो गया है. साथ ही दूसरी तरफ दुर्घटना प्रभावित क्षेत्रों में चेतावनी बोर्ड भी लगाये जा रहे हैं,ताकि हादसों की संभावना वाले क्षेत्र में राहगीरों को सतर्क किया जा सके.

ट्रैफिक लाइटों के खर्च का जिम्मा ट्रैफिक निदेशालय का

ट्रैफिक निदेशालय डीआईजी केवल खुराना के मुताबिक, यातायात निदेशालय में अब ट्रैफिक लाइट का हेड बन गया है. शहर की खराब ट्रैफिक लाइट का खर्चा निदेशालय वहन करेगा. शहर और मुख्य स्थानों में ट्रैफिक लाइट का खर्च भी अब निदेशालय ही देगा. ट्रैफिक निदेशालय ने इस मामले में ट्रैफिक पुलिस को दिशा निर्देश दे दिए हैं. बता दें कि इससे पहले ट्रैफिक लाइटों का जिम्मा नगर निगम और एमसीडी के पास रहता था.

Last Updated : Oct 12, 2019, 7:47 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details