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उत्तराखंड पर दिल्ली से खास नजर, PM के खास 'सिपहसालार' खुल्बे को मिल सकती है अहम जिम्मेदारी - बदरी केदार पुनर्निर्माण देखेंगे भास्कर खुल्बे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार रहे भास्कर खुल्बे को उत्तराखंड सरकार में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है. वो केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों पर निगरानी रखने के साथ ही इन प्रोजेक्ट को लेकर राज्य और केंद्र समन्वयक की भूमिका निभाएंगे.

Officer on Special Duty
भास्कर खुल्बे

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Published : Jun 29, 2022, 9:49 AM IST

Updated : Jun 29, 2022, 7:20 PM IST

देहरादून: पीएम मोदी के सलाहकार रहे भास्कर खुल्बे को उत्तराखंड में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है, वो केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की निगरानी करेंगे. खुल्बे इन परियोजनाओं के लिए राज्य और केंद्र सरकार के बीच समन्वयक की भूमिका निभाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार रहते भास्कर खुल्बे केदारनाथ और बदरीनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की निगरानी करते रहे हैं. वो कुछ दिनों से उत्तराखंड प्रवास पर थे. इस दौरान खुल्बे ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू से शिष्टाचार भेंट की थी.

कई दिन से चर्चा थी गर्म: इन मुलाकातों के बाद सचिवालय के गलियारों में भास्कर खुल्बे को प्रदेश सरकार में बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था. मंगलवार दिनभर यह चर्चा गर्म थी कि उन्हें उत्तराखंड में रहते हुए पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी दी जा सकती है.

उत्तराखंड में नियुक्ति का कारण:प्रधानमंत्री के सलाहकार रहे भास्कर खुल्बे को उत्तराखंड में अहम जिम्मेदारी ऐसे ही दिए जाने की चर्चा नहीं है, इसके पीछे की कई वजहें बताई जा रही हैं. हालांकि, इसमें कोई दो राय नहीं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बदरीनाथ और केदारनाथ पुनर्निर्माण के कामों में को खुद देख रहे हैं, लिहाजा सीएम पुष्कर सिंह धामी की पीएमओ में नजदीकियां भी उनको उत्तराखंड लाने का एक बड़ा कारण हो सकता है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास बदरीनाथ और केदारनाथ का पूरा फीडबैक सही समय पर पहुंचे, इसके लिए भी उनको चुना गया है. इसके पीछे कई तरह के राजनीतिक कारण बताए जा रहे हैं.

क्या कहते हैं जानकार:वरिष्ठ पत्रकार और उत्तराखंड की राजनीति को अच्छी तरह से जानने वाले जय सिंह रावत बताते हैं कि, हो सकता है मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री से नजदीकियों के चलते उनको यहां पर भेजा गया हो, लेकिन इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि बीजेपी को अभी भी लगता है कि हरीश रावत कुमाऊं में अपना अच्छा खासा वर्चस्व बनाकर रखे हुए हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भले ही कुमाऊं मंडल की चंपावत सीट से चुनाव जीत गए हों लेकिन अभी भी बीजेपी के लिए कुमाऊं बेहद कमजोर है. ऐसे में भास्कर खुल्बे का कुमाऊं से होना वहां अधिकारियों के साथ-साथ जनता के बीच भी संबंध बनाने में आसानी होगी. हो सकता है आने वाले समय में बीजेपी को इसका गढ़वाल के साथ-साथ कुमाऊं में भी बहुत हद तक फायदा मिले. भास्कर खुल्बे के पास अच्छा खासा प्रशासनिक अनुभव तो है ही और वो जानते हैं कि कैसे केंद्र की योजनाओं को धरातल पर उतारा जा सकता है.

उत्तराखंड पर दिल्ली की पूरी नजर:जानकार कुछ भी कहें लेकिन ये बात भी सही है कि चारधाम यात्रा हो या उत्तराखंड में कोई सड़क हादसा और अब बदरीनाथ-केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए भी दिल्ली से अधिकारी भेजे जा रहे हैं. बीते दिनों जब केदारनाथ-बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर भारी भीड़ लगी थी, तब तत्काल प्रभाव से केंद्र ने एनडीआरएफ की टीमें भेजकर यात्रा को सुचारू रूप से चलाने का काम किया था. इसके साथ ही बीते दिनों उत्तरकाशी में हुए सड़क हादसे के बाद भी केंद्र सरकार की टीम ने मौके का मुआयना किया था. यही नहीं, केदारनाथ में घोड़े-खच्चरों की मौत के बाद भी केंद्र ने अपनी टीम भेजी थी. अब बदरी-केदार पुनर्निर्माण के काम में भी दिल्ली से अनुभवी अधिकारी को उत्तराखंड भेजने के पीछे भी कई तरह की बातें हो रही हैं.

कौन हैं आईएएस भास्कर खुल्बे: भास्कर खुल्बे ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर से 1979 में जूलॉजी से एमएससी की थी. भास्कर का चयन भारतीय सेना में अधिकारी के पद के लिए हो गया था. उन्होंने छह मही तक ट्रेनिंग भी की. लेकिन मेडिकल कारणों से उन्हें वापस आना पड़ा था.
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JRF, IFS के बाद बने IAS: इसके बाद भास्कर खुल्बे ने जेआरएफ की परीक्षा उत्तीर्ण की. प्रोफेसर जेएस बिष्ट के निर्देशन में पीएचडी शुरू कर दी थी. 1982 में उनका चयन इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेज के लिए हो गया था. इसमें वह अखिल भारतीय स्तर पर तीसरे स्थान पर रहे थे. आईएफएस की ट्रेनिंग के दौरान भी वे पढ़ाई में लगे रहे. अंतत: उनका चयन आईएएस में हो गया. उनकी योग्यता को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान उन्हें पीएमओ में महत्वपूर्ण पोस्टिंग दी गई थी. भास्कर मध्यमवर्गीय परिवार से हैं. उनका परिवार नैनीताल में तल्लीताल में लक्ष्मी कुटीर के निकट रहता था. उनके पिता ख्यालीराम खुल्बे कांट्रेक्टर थे और उनके दो भाई नवीन व जीवन बैंक अधिकारी थे.

Last Updated : Jun 29, 2022, 7:20 PM IST

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