देहरादून: राजधानी में प्लास्टिक से डीजल बनाने वाले देश के पहले रिसर्च प्लांट का मंगलवार को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने उद्घाटन किया. व्यवसायिक रूप में इस तकनीक के विस्तार में उत्तराखंड सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है. हालांकि, व्यवसायिक तौर पर सफल होने के लिए इस तकनीक को अभी लंबा समय लगेगा. लेकिन फिर भी इसे लेकर वन एवं पर्यावरण में काफी उत्साह देखने को मिला. केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि देहरादून के रिस्पॉन्स के बाद दिल्ली में इसके व्यवसायिक प्लांट का स्थापना की जाएगी. जो कि पूरी दुनिया में एक मिसाल के तौर पर देखा जाएगा.
दून के बाद दिल्ली में स्थापित होगा प्लास्टिक वेस्ट से डीजल बनाने का प्लांट उत्तराखंड राज्य पिछले कई सालों से प्लास्टिक की समस्या से जूझ रहा है. यंहा तक कि कई बार सरकारों सहित हाईकोर्ट ने भी प्लास्टिक को लेकर चिंता जाहिर कर चुका है. प्लास्टिक नियंत्रण को लेकर सरकार की कोई भी रणनीति धरातल पर नहीं उतर पायी है. ऐसे में IIP के वैज्ञानिकों की प्लास्टिक से डीजल बनाने की तकनीक भविष्य में कारगर सिद्ध होने वाली है. इससे जहां प्लास्टिक से होने वाली समस्याओं से निजात मिलेगी वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को भी इससे खासा फायदा मिलेगा. पढ़ें-'मौत' को न्योता दे रहीं बेरहम सड़कें, सिस्टम को नहीं पड़ता कोई फर्क
राजधानी में प्लास्टिक से डीजल बनाने की तकनीक के पहले रिसर्च प्लांट लगने के साथ ही इस क्षेत्र में सरकार और राज्य दोनों की जिम्मेदारी बढ़ गई है. देहरादून में अविष्कार की गई इस तकनीक का सबसे पहले प्रयोग देहरादून में ही होना है, ऐसे में देहरादून शहर पर ही निर्भर करता है कि ये तकनीक व्यवसायिक पटरी पर कितना दौड़ पाएगी. इसकी सफलता के लिए शहर का सहयोग और सरकार की इच्छाशक्ति सबसे पहली कड़ी है. यही कारण है कि केंद्रीय मंत्री ने भी साफ शब्दों में कहा कि कुछ ही महीनों में देहरादून में इस तकनीक के इस्तेमाल के बाद इसका व्यवसायिक प्लांट दिल्ली में स्थापित किया जाएगा. जिसे पूरी दुनिया में गजब का कॉन्सेप्ट प्रचारित होगा.
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कुल मिलाकर कहा जाये तो IIP के वैज्ञानिकों की मेहनत से देहरादून देश और दुनिया के नक्शे पर अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल होगा. इसके अलावा IIP के वैज्ञानिकों की इस तकनीक से राजधानी को फायदा मिलना लाजमी है. केंद्रीय मंत्री का कहना है कि राज्य की त्रिवेन्द्र सरकार इस तकनीकी को लेकर काफी गंभीर है. उन्होंने कहा कि कि आगामी कुछ महीनों में देहरादून शहर से मिले बेहतरीन रिस्पॉन्स के बाद दिल्ली में इस तकनीक का 10 टन क्षमता वाला व्यवसायिक प्लांट स्थापित किया जाएगा.