देहरादूनःउत्तराखंड के सबसे बड़े दून मेडिकल कॉलेज में चौंकाने वाला मामला सामने आया है. दरअसल यहां बड़ी संख्या में बिचौलिये सक्रिय हैं. मेडिकल कॉलेज के गेट पर आते ही बिचौलिये मरीजों को ट्रेप करके देहरादून में संचालित कुछ ट्रॉमा सेंटरों पर सस्ते इलाज का झांसा देकर अपनी प्राइवेट एंबुलेंस मे बैठाकर रफूचक्कर हो जाते हैं.
मेडिकल कॉलेज में आए मरीज उनके झांसे में आकर प्राइवेट नर्सिंग होमों का रुख करने को मजबूर हो जाते हैं. ट्रॉमा सेंटर और कुछ नर्सिंग होम के साथ बिचौलियों की सांठगांठ के चलते ये धंधा काफी फलफूल रहा है.
मेडिकल कॉलेज में बिचौलियों की आमद होने से अस्पताल प्रबंधन भी परेशान है. अस्पताल प्रबंधन ने इसकी शिकायत बाकायदा पुलिस के आलाधिकारियों से की है.
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दलाल अपने जाल में फंसाकर उन्हें ट्रैप करने में लगे हुए हैं. आलम यह है कि दून अस्पताल के गेट से इमरजेंसी की दूरी महज कुछ मीटर है, लेकिन यहां सक्रिय दलाल मरीज को अपने झांसे में लेकर रफूचक्कर हो जाते हैं. जहां से उन दलालों का कमीशन तय है, वहां उस मरीज को ले जाकर भर्ती करवा देते हैं.
सूत्रों द्वारा बताया गया है कि अस्पताल में सक्रिय हो रहे दलालों का शहर मे संचालित कुछ प्राइवेट सेंटरों में मरीजों को लाने के बदले में मोटा कमीशन तय है. देहरादून के जिला अस्पतालों में चलाए जाने वाले दून अस्पताल को परिवर्तित करके मेडिकल कॉलेज का स्वरूप प्रदान किया गया है. लोगों के साथ-साथ यहां के डॉक्टरों को भी उम्मीद थी कि यह मेडिकल कॉलेज स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप उतरेगा.
दून अस्पताल कैंपस में सक्रिय दलालों का गिरोह न सिर्फ अस्पताल प्रबंधन के लिए सिरदर्द साबित हो रहे हैं बल्कि वहां इलाज कराने आये मरीजों को ट्रैप करके अन्य प्राइवेट अस्पतालों में ले जा रहे हैं. उसके एवज में प्राइवेट सेंटरों द्वारा दलालों को बतौर इनाम स्वरूप कमीशन दिया जाता है.
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के घंटाघर से महज कुछ कदमों की दूरी पर इस प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी दून मेडिकल कॉलेज है. यहां उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी सहित उत्तराखंड के मैदानी जिलों और उत्तराखंड की सीमा से लगते उत्तर प्रदेश के आसपास के जिलों से मरीज अपना इलाज कराने यहां आते हैं.