देहरादून: नारी निकेतन में दिव्यांग संवासिनियों से दुष्कर्म और गर्भपात कराने के मामले में शक्रवार को अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है. फैसला सुनाते हुए अदालत ने इस मामले में नौ आरोपियों को दोषी करार दिया है. जिनमें 4 पुरुष और 5 महिलाएं शामिल हैं. दोषियों की सजा के मामले में आगामी बहस सोमवार को की जाएगी. साल 2015 में नारी निकेतन में घटित हुये सनसनीखेज घटनाक्रम में पिछले 4 साल से कानूनी कार्रवाई चल रही था, जिस पर अदालत ने अपना फैसला सुनाया है.
क्या था मामला
बता दें कि साल 2015 में देहरादून के केदारपुरम स्थित नारी निकेतन भवन में सरकारी संरक्षण में उपचार के लिए भर्ती हुई एक संवासिनी से तीन कर्मचारियों द्वारा दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था. कुछ दिन बाद यह भी जानकारी सामने आयी कि पीड़ित संवासिनी का जबरन गर्भपात करवा कर भ्रूण को दूधली के जंगलों में दफनाया गया. इस घटना कुछ प्रमाण सामने आने के बाद शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया था. जिसके बाद आनन-फानन में एक जांच कमेटी बनाई गई.
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उसके बाद एसपी सिटी और एसडीएम के नेतृत्व में एक और जांच की गई. इसके बाद सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी टीम गठित की. जिसके बाद मामले में महिला और दुष्कर्म करने वाले कर्मचारियों की गिरफ्तारी की गई. जिसके बाद एसआईटी टीम ने पूरे मामले में सबूत जुटाकर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. एसआईटी टीम ने संवासिनी और दुष्कर्म करने वाले कर्मचारियों का डीएनए टेस्ट कराया जो पॉजिटिव पाया गया. जिसके बाद 4 साल चली कानूनी प्रक्रिया के बाद आज अदालत ने इस मामले में नौ आरोपियों को दोषी करार दिया है.