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राजधानी में संपन्न हुआ पीठासीन अधिकारी सम्मेलन, लोकसभा अध्यक्ष ने कही ये बड़ी बातें

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Published : Dec 19, 2019, 10:01 PM IST

Updated : Dec 19, 2019, 10:53 PM IST

लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि 2021 में इस सम्मेलन को 100 साल पूरे होंगे. जिसे शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि लखनऊ में होने वाली सीपीए की अगली बैठक में रणनीति तय करते हुए 2021 में यह सम्मेलन देश की संसद में किया जाएगा.

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लोकसभा अध्यक्ष ने कही ये बड़ी बातें

देहरादून: गुरुवार को राजधानी में चल रहा 79वां पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन समाप्त हो गया. समापन के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मीडिया से बातचीत की. ओम बिड़ला ने कहा कि दो दिनों के सम्मेलन में विधायिका को मजबूत करने की दिशा में किये जाने वाले कार्यों पर विचार विमर्श किया गया. इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि इन 100 सालों में सभी सदनों के 40 लाख से ज्यादा डॉक्यूमेंट डिजिटल किए गए हैं. उन्होंने बताया इस कार्यशाला में सभी विधानसभाओं को डिजिटल बनाने पर भी विचार किया गया है.

राजधानी में संपन्न हुआ पीठासीन अधिकारी सम्मेलन

दो दिन तक हुए पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बताया कि बैठक में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई. ओम बिड़ला ने बताया कि दो दिवसीय कार्यशाला में सदन में चलने वाले शून्यकाल और उसमें व्यवधान न हो उसके लिए कठोर नियम बनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया है. जिसके तहत एक समिति अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी. उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 10 अनुच्छेद के तहत विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका लोकतंत्र में मजबूत और भरोसेमंद दिखाई गई है. जिसके लिए यह निर्णय लिया गया है कि सभी अपने-अपने साधनों से इसके लिए कमेटियों का गठन करें.

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ओम बिड़ला ने बताया कि कई बार न्यायपालिका पीठ के दिए गए फैसलों पर टिप्पणी करती है जो कि चिंता का विषय है. जिसे देखते हुए पीठासीन अधिकारियों की कमेटी गठित की जाएगी. जिसमें ध्यान दिया जाएगा कि पीठ द्वारा लिया गया फैसला हर दृष्टि में तटस्थ हो. लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि देश के सभी साधनों और नियमों में एकरूपता हो.

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उन्होंने कहा कि राज्यों के विधानसभा सचिवालय की कार्यशैली को निपुण बनाने के लिए लोकसभा सचिवालय आगामी 3 सालों तक राज्यों के सचिव सदनों में परीक्षण करवाएगा. जिससे राज्यों की विधानसभा विधायी कार्यों के लिए निपुण हो सके. कार्यशाला में सुनिश्चित किया गया है कि राज्यों की विधानसभाओं को संचार प्रौद्योगिकी में तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए भी परिपूर्ण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी विधानसभाओं को डिजिटल करने की दिशा में काम किया जाएगा.

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राज्यसभा और लोकसभा की तरह अब राज्य की विधानसभा में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विधायकों को सम्मानित किया जाएगा. जिससे कि विधानसभाओं में एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिल सके. ओम बिड़ला ने बताया कि पिछले 100 सालों में सभी सदनो के 40 लाख से ज्यादा डॉक्यूमेंट डिजिटल किए गए हैं तो वहीं डिजिटल लाइब्रेरी को लगातार बढ़ावा दिए जाने को लेकर भी कार्यशाला में चर्चा की गई है.

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उन्होंने कहा कि 2021 में इस सम्मेलन को 100 साल पूरे होंगे. जिसे शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि लखनऊ में होने वाली सीपीए की अगली बैठक में रणनीति तय करते हुए 2021 में यह सम्मेलन देश की संसद में किया जाएगा.

Last Updated : Dec 19, 2019, 10:53 PM IST

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