देहरादून: गुरुवार को राजधानी में चल रहा 79वां पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन समाप्त हो गया. समापन के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मीडिया से बातचीत की. ओम बिड़ला ने कहा कि दो दिनों के सम्मेलन में विधायिका को मजबूत करने की दिशा में किये जाने वाले कार्यों पर विचार विमर्श किया गया. इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि इन 100 सालों में सभी सदनों के 40 लाख से ज्यादा डॉक्यूमेंट डिजिटल किए गए हैं. उन्होंने बताया इस कार्यशाला में सभी विधानसभाओं को डिजिटल बनाने पर भी विचार किया गया है.
दो दिन तक हुए पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बताया कि बैठक में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई. ओम बिड़ला ने बताया कि दो दिवसीय कार्यशाला में सदन में चलने वाले शून्यकाल और उसमें व्यवधान न हो उसके लिए कठोर नियम बनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया है. जिसके तहत एक समिति अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी. उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 10 अनुच्छेद के तहत विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका लोकतंत्र में मजबूत और भरोसेमंद दिखाई गई है. जिसके लिए यह निर्णय लिया गया है कि सभी अपने-अपने साधनों से इसके लिए कमेटियों का गठन करें.
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ओम बिड़ला ने बताया कि कई बार न्यायपालिका पीठ के दिए गए फैसलों पर टिप्पणी करती है जो कि चिंता का विषय है. जिसे देखते हुए पीठासीन अधिकारियों की कमेटी गठित की जाएगी. जिसमें ध्यान दिया जाएगा कि पीठ द्वारा लिया गया फैसला हर दृष्टि में तटस्थ हो. लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि देश के सभी साधनों और नियमों में एकरूपता हो.
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