देहरादून: कोरोना वायरस के दहशत के बीच कई संस्थान इस वक्त कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इन्हीं में से एक संस्थान है देहरादून का केंद्रीय पेट्रोलियम संस्थान, जहां महामारी की संकट को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन की गुणवत्ता वाले हैंड सैनिटाइजर बनाया जा रहा है. यह हैंड सैनिटाइजर प्रदेश के उन सभी लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है, जो कि इस वक्त कोरोना से लड़ाई में पहली पंक्ति पर खड़े हैं.
देहरादून केंद्रीय पेट्रोलियम संस्थान में हैंड सैनिटाइजर बनाने वाली टीम का नेतृत्व कर रहे सीनियर वैज्ञानिक डॉ. उमेश ने बताया कि जैसे ही कोरोना वायरस ने चीन में आतंक मचाना शुरू किया तो इस बात की आशंका जताई गई थी कि विश्व में सभी जगह ये वायरस फैल सकता है. वैसे ही देहरादून आईआईपी के निदेशक द्वारा एक टीम तैयार कर हैंड सैनिटाइजर बनाने की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी.
सीनियर वैज्ञानिक डॉ. उमेश ने बताया कि आईआईपी देहरादून में अब तक तकरीबन एक हजार लीटर से ज्यादा हैंड सैनिटाइजर बनाया जा चुका है. सबसे पहले अपने संस्थान में जरूरत पड़ने वाले हैंड सैनिटाइजर की कमी को पूरा गया किया गया. उसके बाद शहर के अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर हैंड सैनिटाइजर उपलब्ध कराया गया. डॉ. उमेश बताते हैं कि अभी तक 400 लीटर सैनिटाइजर दून अस्पताल को उपलब्ध कराया जा चुका है. वहीं, इसके अलावा एलआईयू के लिए 80 लीटर अलग-अलग साइज की बोतलों में हैंड सैनिटाइजर उपलब्ध कराया जा चुका है.
WHO गुणवत्ता वाला हैंड सैनिटाइजर ये भी पढ़े:पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट और N95 मास्क है उपलब्धः उत्तराखंड: अपर स्वास्थ्य सचिव
साथ ही एसडीआरएफ को भी आईआईपी देहरादून द्वारा 160 लीटर हैंड सैनिटाइजर उपलब्ध कराया गया है. इसके अलावा उत्तराखंड पुलिस द्वारा हैंड सैनिटाइजर की मांग की गई है. जिसके लिए ज्यादा मात्रा में हैंड सैनिटाइजर बनाने की जरूरत है. कल तक 400 लीटर हैंड सैनिटाइजर देहरादून पुलिस को उपलब्ध करा दिया जाएगा. इस आखिरी महीने में अब तक देहरादून आईआईपी द्वारा तकरीबन 2 हजार लीटर हैंड सैनिटाइजर बनाया जा चुका है.
केंद्रीय पेट्रोलियम संस्थान देहरादून के निदेशक डॉ. रंजन रे ने बताया कि आईआईपी में बनाया जा रहा हैंड सैनिटाइजर पूरी तरह से डब्ल्यूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुरूप बनाया जा रहा है. यह पूरी तरह से असरदार है, साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि आईआईपी देहरादून कोरोना जैसी आपदा से लड़ने के लिए हमेशा खड़ा है.
आईआईपी निदेशक डॉ रंजन रे ने बताया कि उनका काम शोध का है. निर्माण के लिए उन्होंने प्रदेश की उन तमाम सूक्ष्म और लघु उद्योगों का आह्वान किया है, जो कि लॉकडाउन के इस दौर में मंदी से गुजर रहे हैं. डॉ. रंजन रे ने कहा कि इस वक्त सूक्ष्म और लघु उद्योगों को जरूरत है, अपने काम और तौर-तरीके बदलने की. समय के अनुरूप उन्हें चाहिए कि वह बाजार में सबसे ज्यादा जरूरी चीजों पर अपना ध्यान केंद्रित करें. उन्होंने सभी सूक्ष्म और लघु उद्योगों का आह्वान करते हुए कहा कि डब्ल्यूएचओ के मानकों के अनुसार हैंड सैनिटाइजर बनाना आईआईपी देहरादून संस्थान आपको बताएगा. आप इसे औद्योगिक स्तर पर तैयार कीजिए ताकि कोरोना से जंग लड़ने में इसका सदुपयोग हो पाए.