देहरादून:मंगलवार का दिन मौसम और हरक सिंह रावत के नाम रहा कहें तो गलत नहीं होगा. मौसम ऐसा बिगड़ा कि राज्यभर से तबाही की डरावनी तस्वीरें सामने आईं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खुद अपने उड़नखटोले से आपदा प्रभावित इलाकों का जायजा लेने के लिए उड़ान भरनी पड़ी.
उधर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने भी मुंह जुबानी खूब आग उगली. उनके निशाने पर उनके चिर-परिचित प्रतिद्वंदी हरीश रावत रहे. शाम होते-होते बारिश तो मंद पड़ गई, लेकिन हरक के जुबानी तीर और तेज होते गए.
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बारिश-बाढ़ और भूस्खलन ने लीं 44 जान:उत्तराखंड के सभी जिलों से आज आपदा की डरावनी तस्वीरें दिखाई दीं. सबसे ज्यादा आपदा प्रभावित नैनीताल जिला रहा. यहां मकान गिरने, भूस्खलन से 30 लोगों की जान चली गई. प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में कुल 44 लोगों की जान चली गई. राज्य की सभी नदियां उफान पर हैं. राहत और बचाव दल पूरे दमखम से रेस्क्यू में लगे हैं.
हरक के बयानों से आया तूफान: एक तरफ राज्य आपदा से जूझ रहा था. दूसरी तरफ राजधानी देहरादून में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अपने कट्टर प्रतिद्वंदी हरीश रावत पर फायर थे. हरक ने आज हरीश रावत पर ऐसे-ऐसे आरोप जड़े कि हरीश रावत उनको सुनकर अपना सिर पीट लें.
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हरक बोले हरीश रावत के लोगों ने लड़कियों के द्वारा बदनाम करने की साजिश की:महिलाओं के साथ संबंधों को लेकर अक्सर बदनामी झेलने और सीबीआई तक का सामना कर चुके हरक सिंह रावत ने कहा कि हरीश रावत के लोगों ने लड़कियों को पैसे देकर उनका चरित्र हनन करने की कोशिश की. हरक ने कहा कि हरीश रावत के लोगों ने एक नहीं बल्कि कई लड़कियों को पैसे देकर मुझे बदनाम करने को कहा. हरक ने कहा कि मेरे पास इसके कई सुबूत हैं.
हरीश रावत को मुझसे तकलीफ है:हरक ने कहा कि पहले हरीश रावत ने मुझे पापी कहा. फिर अपराधी बना दिया. हरक सिंह ने कहा कि हरीश रावत ने खुद मेरा दफ्तर बंद कराया. वो चाहते तो चपरासी को भेजकर दफ्तर बंद करा सकते थे. लेकिन वो खुद गए और अपने हाथों से मेरे ऑफिस पर ताला लगाया. दरअसल उन्हें मुझसे ही तकलीफ है.
दोषी होता तो हरीश रावत जेल भिजवा देते:हरक सिंह रावत ने कहा कि अगर मैं दोषी होता तो हरीश रावत कभी के मुझे जेल भिजवा देते. मैं अगर गलत होता तो वो मुझे जरूर जेल भिजवा देते. हरक सिंह रावत ने कहा कि हरीश रावत मुझे किसी तरह फंसाना चाहते हैं.
मैं भी दूध का धुला नहीं हूं: हरक सिंह रावत ने हरीश रावत को दगाबाज भी कहा. उन्होंने कहा कि राजनीति में इतना नीचे नहीं गिरा जाता है. उन्होंने कहा कि हम तो किसी पर टीक-टिप्पणी नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम भी दूध के धुले नहीं हैं. हो सकता है कि हमसे भी कई गलतियां हुई हों. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत जीवन को राजनीति में नहीं लाना चाहिए.
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हम घुइयां छीलकर नहीं आए: हरक सिंह रावत ने हरीश रावत पर तंज कसते हुए कहा कि अगर वो छात्र राजनीति से आए हैं तो हमने भी कोई घुइयां नहीं छीली थीं. हरक सिंह रावत अपने छात्र जीवन और राजनीति के प्रारंभिक दिनों के आंदोलन को याद दिलाना भी नहीं भूले. उन्होंने कहा कि हम भी आंदोलनों की उपज हैं.
राज्य आंदोलन में तीन दिन में उखड़ गया था हरीश रावत का टेंट: हरक सिंह रावत ने कहा कि राज्य आंदोलन में हरीश रावत के धरने की हकीकत सब जानते हैं. उन्होंने कहा कि जंतर-मंतर पर धरने का टेंट तीन दिन में ही उखड़ गया था. हरक ने कहा कि उन्होंने 1994 में जंतर-मंतर पर धरना दिया और जब उत्तराखंड राज्य बना तब वो धरना खत्म हुआ था.
हरीश रावत राजनीतिक 'दगाबाज' हैं: हरक सिंह रावत ऐसा लगा जैसे हरीश रावत को लेकर भरे पड़े थे. उन्होंने कहा कि राजनीतिक रूप से हरीश रावत पर विश्वास करने वाला नासमझ है. उन्होंने हरीश रावत को राजनीतिक रूप से 'दगाबाज' कहा. हरक सिंह ने कहा कि छलनी पर एक बार आप विश्वास कर सकते हैं, लेकिन राजनीतिक जीवन में उन पर कभी भरोसा नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति हरीश रावत पर भरोसा करता है वो उन्हें नहीं सझता है.
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हरीश रावत की किस बात से तिलमिलाए हैं हरक सिंह?: दरअसल इन दिनों हरीश रावत रोजाना फेसबुक पर कोई न कोई ऐसी पोस्ट डाल देते हैं जिससे हरक सिंह रावत और सतपाल महाराज तिलमिला उठते हैं. पिछले दिनों हरीश रावत ने हरक एंड कंपनी को महापापी करार दिया था. दो दिन पहले ही हरीश रावत ने उनकी सरकार को संकट में डालकर बीजेपी ज्वाइन करने वाले नेताओं, विधायकों को उत्तराखंड का अपराधी कहा था. हरीश रावत के इन्हीं तीखे हमलों से हरक सिंह रावत तिलमिलाए हुए हैं. हालांकि सतपाल महाराज हरीश रावत के बयानों पर रिएक्ट नहीं करते हैं. उधर हरक सिंह रावत जवाब देते रहते हैं. आखिर उनके दिल का गुबार मंगलवार को हरीश रावत पर तमाम आरोपों के साथ बाहर निकल ही गया. हालांकि इस दौरान वो कई बार हरीश रावत को हरीश भाई भी बोलते नजर आए.