देहरादून: कहते हैं न्याय सबके लिए बराबर है और न्याय के लिए जिन पर लोगों के उम्मीदें टिकी हो, अगर वो ही इंसाफ के लिए दर-ब-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो जाए, तो आप क्या कहेंगे. जी, हां! ताजा मामला वन विभाग में तैनात एक दारोगा का है. जो अपने बेटे से साथ हुई मारमीट की रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए चौकी और थानों के चक्कर काट रही हैं लेकिन उनकी शिकायत कोई दर्ज करने को तैयार नहीं.
वैसे आम आदमी को खाकी का फर्क नहीं मालूम, लेकिन सिस्टम को मालूम है. यही कारण है कि वन विभाग में दारोगा के पद पर तैनात वंदना शर्मा अपने बेटे आकाश के साथ हुई मारपीट की रिपोर्ट दर्ज तक नहीं करवा पा रही हैं. आलम ये है कि उनकी शिकायत पुलिस चौकी और थाने में दर्ज नहीं की जा रही है. बता दें कि वंदना शर्मा पिछले 12 सालों से उत्तराखंड वन विभाग में दारोगा के पद पर कार्यरत हैं.
वन दारोगा वंदना शर्मा का कहना है कि उनका पुत्र आकाश शर्मा देहरादून ग्राफिक एरा कॉलेज में पढ़ता है और उसके साथ कॉलेज के पास में ही कुछ अज्ञात लोगों द्वारा मारपीट की गई है. जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया. वंदना शर्मा ने जब पुलिस को इस घटना के बारे में जानकारी दी और मौके पर जाकर उन लोगों की पहचान भी की जिनके द्वारा उनके पुत्र आकाश के साथ मारपीट की गई थी, बावजूद इसके पुलिसव ने उनकी शिकायत दर्ज नहीं की और ना ही इस मामले में कोई कार्रवाई की.
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वहीं, वंदना शर्मा ने बताया कि उनके बेटे के साथ हुई मारपीट की शिकायत जब क्लेमेंट टाउन पुलिस ने दर्ज नहीं की तो उन्होंने एसएसपी देहरादून से मुलाकात करनी चाही, लेकिन किसी वजह से उनकी एसएसपी से मुलाकात नहीं हो पाई. ऐसे में अब उन्होंने मीडिया के माध्यम से न्याय की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि उनके बेटे आकाश के साथ हुई मारपीट का पुलिस जल्द संज्ञान ले और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें.