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वनाग्नि पर काबू पाने के लिए चकराता रेंज में बने 27 क्रू स्टेशन, रोजाना हो रही ड्रिल - fire damage to forests

जंगलों में लगने वाली आग से वनसंपदा को काफी नुकसान होता है. साथ ही कई वन्य जीवों को भी बेवजह अपनी जान गवानी पड़ती है. इन घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग जंगलो पर निगरानी रखने और आग से निपटने के उपाय तलाश रहा है.

चकराता वन विभाग रेंज के अंतर्गत 27 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं.

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Published : Apr 29, 2019, 10:08 PM IST

देहरादून: गर्मी का मौसम आते ही जंगलों में लगने वाली आग से वनसंपदा को काफी नुकसान होता है. साथ ही कई वन्य जीवों को भी बेवजह अपनी जान गवानी पड़ती है. इन घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग जंगलो पर निगरानी रखने और आग से निपटने के उपाय तलाश रहा है. इसी क्रम में चकराता वन विभाग रेंज के अंतर्गत 27 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं. साथ ही प्रत्येक क्रू स्टेशन से जंगलों पर नजर रखने के लिए वन दरोगा के नेतृत्व में एक-एक टीम तैनात की गई है.

जानकारी देते डीएफओ दीपचंद आर्य.

बता दें कि क्रू स्टेशनों को लेकर वन विभाग के डीएफओ दीपचंद आर्य ने बताया कि क्रू स्टेशन पर वन दरोगा के नेतृत्व में एक टीम तैनात होती है. जिसमें 5 से 7 सदस्य होते हैं और आग बुझाने के उपकरणों सहित वायरलेस हैंडसेट, मोबाइल फोन भी होते हैं. ताकि क्रू स्टेशन का कंट्रोल रूम और प्रभागीय अधिकारियों से संपर्क बना रहे.

साथ ही क्रू स्टेशन पर तैनात कर्मी प्रतिदिन फायर ड्रिल के दौरान अग्नि रेखाओं तथा मार्गों के किनारे ज्वलनशील पदार्थों और पत्तों की सफाई करते हैं.
साथ ही उन्होनें बताया कि प्रभागीय स्तर पर वनाग्नि से बचाव के लिए विभागीय स्तर पर प्रबंध किए जा रहे हैं. साथ ही स्थानीय लोगों से भी सहयोग लिया जा रहा है. जिसके लिए वन विभाग ने पूरे साल जागरूकता अभियान चलाया है.

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