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शिक्षा सचिव ने स्वीकारा खामियों से भरा है तबादला एक्ट, जानें- क्या है हकीकत - uttarakhand education secretary

प्रदेश के ट्रांसफर एक्ट को लेकर शिक्षा सचिव ने भी माना की एक्ट में कई तरह की खामियां हैं, जिन्हें दूर करने की जरूरत है. ट्रांसफर एक्ट की खामियों को लेकर ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.

उत्तराखंड ट्रांसफर एक्ट में खामियां.

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Published : Jul 25, 2019, 6:29 PM IST

Updated : Jul 25, 2019, 8:52 PM IST

देहरादून: सरकारी तंत्र की लाख कोशिशों के बावजूद ट्रांसफर एक्ट की खामियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं, जिसका खामियाजा विभागीय कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है. इसी क्रम में टीचरों के लिए बनाई गए तबादला एक्ट में भी कई खामियां हैं. ईटीवी भारत की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में जानिए आखिर क्या है शिक्षकों के तबादला एक्ट की हकीकत.

उत्तराखंड ट्रांसफर एक्ट में खामियां.

कुछ समय पहले ही प्रदेश सरकार ने तबादला एक्ट लागू किया था. अधिकारियों की मनमानी के चलते कई खामियों समेत ही इस एक्ट को अमलीजामा पहना दिया गया. लेकिन इस एक्ट के हैरान करने वाले पहलू ये हैं कि दस फीसदी की विंडो भी ओपन कर दी गई. इसका विभागीय यूनियन के नेताओं ने कई बार विरोध भी किया लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. हालांकि, मुख्य सचिव ने सभी संबंधित विभागों से सुझाव भी मांगे थे, बावजूद एक्ट की खामियां खत्म नहीं की जा सकीं.

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वहीं, शिक्षा विभाग के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने भी तबादला एक्ट में खामियां होने को स्वीकार किया है. सुंदरम का कहना है कि तबादला एक्ट की धारा 27 के तहत जो अधिनियम में खामियां, एक्ट बनाते समय रह गई हैं, उनके निस्तारण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी के समक्ष प्रस्तुत कर उनका समाधान किया जाएगा ताकि विभागीय कर्मचारियों को वास्तव में इस एक्ट का लाभ मिल सके.

तबादला अधिनियम की मुख्य धारा-

  • तबादला एक्ट की धारा-3(घ) के तहत अगर कर्मचारियों के पति/पत्नी व परिवार (जिनमें 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे के माता-पिता) में से कोई गंभीर रोग से ग्रस्त है तो ऐसे कर्मचारी को स्थानांतरण में छूट दी जा सकती है.
  • तबादला एक्ट की धारा-3(झ) के तहत सुगम एवं दुर्गम के कार्यक्षेत्रों का वर्गीकरण.
  • तबादला एक्ट की धारा-7(घ)(चार) में ऐसे पति/पत्नी जिनका इकलौता पुत्र/पुत्री, विकलांगता की परिभाषा में सम्मिलित हो तो उस कर्मचारी को सुगम से दुर्गस क्षेत्र में अनिवार्य स्थानांतरण में छूट दी जा सकती है.
  • तबादला एक्ट में सुगम से दुर्गम क्षेत्र में जरूरी तबादले के लिए उपलब्ध एवं संभावित रिक्तियों की सीमा में पात्र कार्मिकों की सूची बनाए जाने का उल्लेख है और इसी अनुसार कर्मचारियों के स्थानांतरण किए जाने हैं.
  • तबादला एक्ट की धारा-10 में दुर्गम क्षेत्र से सुगम क्षेत्र में जरूरी स्थानांतरण के लिए मानक निर्धारित किए हुए हैं.
  • तबादला एक्ट की धारा 13(3) में उत्तराखंड राज्य सरकार की सेवा में कार्यरत पति/पत्नी एक ही स्थान पर तैनाती के इच्छुक हों तो वह दुर्गम/सुगम क्षेत्र में अनुरोध के आधार पर आवेदन कर सकते है, तथा धारा-14 में एक ही स्थान पर तैनाती के लिए आवेदक को 10 इच्छित स्थानों का विकल्प लिए जाने का उल्लेख है.
  • तबादला एक्ट की धारा-13 के तहत अनुरोध के आधार पर तबादले के लिए एक्ट के तहत छ: श्रेणियों में प्रक्रिया अपनाई जाएगी.
  • तबादला एक्ट की धारा-17(1)(क) सुगम क्षेत्र से दुर्गम क्षेत्र में स्थानांतरण में दिया गया है कि सबसे पहले स्थानांतरण सुगम क्षेत्र में सबसे अधिक अवधि व्यतीत करने वाले कर्मचारी से प्रारंभ किया जाएगा और दुर्गम क्षेत्र की रिक्त के लिए कार्मिक द्वारा दिए गए विकल्प को स्वीकार किया जाएगा.
  • तबादला एक्ट की धारा-17(1)(क) में अनुरोध के आधार पर तबादले में 7 श्रेणियों के कर्मचारियों का क्रम से स्थानांतरण किया जाना है, जिसमें अंत में सुगम क्षेत्र से दुर्गम क्षेत्र में स्थानांतरण किए जाने का उल्लेख है.
  • तबादला एक्ट की धारा-17(2)(क) में समूह 'क' एवं 'ख' के अधिकारियों को उनके गृह जनपद में तैनाती नहीं की जाएगी.
  • तबादला एक्ट की धारा-18(3) में दो कर्मियों के द्वारा उनके इक्छा अनुसार से एक दूसरे के स्थान पर (सुगम एवं दुर्गम अथवा दुर्गम एवं दुर्गम अथवा सुगम एवं सुगम में) स्थानांतरण हेतु आवेदन करने पर पारस्परिक स्थानांतरण किए जाएंगे और सुगम क्षेत्र में ही तैनात दो कार्मिकों को पारस्परिक स्थानांतरण नहीं हो सकता है.
  • तबादला एक्ट की धारा-20(क) में यदि कोई कार्मिक किसी एक कार्यस्थल पर तैनात है या जो 7000 फीट की ऊंचाई से अधिक पर तैनात है तो वहां पर 1 साल तक की सेवा को 2 साल तक सुगम क्षेत्र में की गई सेवा के बराबर मानी जाएगी.
  • तबादला एक्ट की धारा-20(ख) में यदि कोई कार्मिक एक कार्यस्थल पर तैनात है, जो 7000 फीट से कम ऊंचाई पर स्तिथ है या दुर्गम स्थान पर तैनात है तो वहां पर 1 साल तक की सेवा को 1 साल 3 महीने के सुगम क्षेत्र की सेवा के बराबर मानी जायेगी.
  • तबादला एक्ट की परिशिष्ट-1,2,3 का परंतु यह कि कार्य स्थल 7000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित है वहां 1 साल की तैनाती, दुर्गम क्षेत्र में 2 साल की तैनाती के बराबर मानी जायएगी.

तबादला अधिनियम में नई मांगें-

  • तबादला एक्ट की धारा-17(1)(ख) में नए मांग की अनुरोध के आधार पर तबादले.
  • तबादला एक्ट की धारा-10 में अतिरिक्त भाग जोड़ा जाने हेतु नए प्रस्ताव.
  • तबादला एक्ट की धारा-3(ग) में वरिष्ठ कार्मिक के लिए छूट.
  • तबादला एक्ट की धारा-3(घ) में नए प्रस्ताव.
  • तबादला एक्ट की धारा-7 के तहत सुगम क्षेत्र से दुर्गम क्षेत्र में तबादला जरूरी.
  • तबादला एक्ट की धारा-17(ख) में वरिष्ठ कार्मिक श्रेणी के स्थानांतरण.
  • तबादला एक्ट की धारा-4 में पदों को स्थापित करने के लिए वर्गीकरण एवं धारा-5 में सुगम-दुर्गम स्थानों का चिन्हाकन एवं प्रकटीकरण.

प्रदेश के मुखिया भले ही ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर फोकस करने का हर सम्भव प्रयास कर रहे हो, लेकिन विभागीय अधिकारी हैं जो न सिर्फ अपनी मनमानी से सरकार की छवि को चारचांद लगा रहे हैं बल्कि विभाग के कई कर्मचारियों को भी ट्रांसफर एक्ट की खामियों का दंश झेलना पड़ रहा है.

Last Updated : Jul 25, 2019, 8:52 PM IST

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