विकासनगर:कालसी के व्यास नेहरी में किसान ज्ञान सिंह चौहान ने बागवानी के क्षेत्र में रुचि रखने वालों के लिए सुपर कागजी अखरोट की पौध तैयार की है. कालसी के सहायक विकास अधिकारी उद्यान खेमा जोशी ने अखरोट की पौधशाला का निरीक्षण किया. इसके बाद उद्यान विभाग में किसान को पंजीकरण करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
शक्तिवर्धक ड्राई फ्रूट है अखरोट:ड्राई फ्रूट का नाम सुनते ही लोगों के जेहन में प्रोटीन युक्त शरीर की क्षमता बढ़ाने वाले फ्रूट आते हैं. ड्राई फ्रूट में अखरोट को पहला नंबर मिलता है. इसका कारण इससे हानिकारक कोलेस्ट्रोल नहीं बढ़ना है. साथ ही अखरोट दिमाग की शक्ति बढ़ाता है. अखरोट मुख्यतया पहाड़ी इलाकों में होता है. कश्मीर के अखरोट दुनिया भर में फेमस हैं.
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में होता है अखरोट:अपने विशेष गुण के कारण उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाने वाले अखरोट की ड्राई फूड के रूप में डिमांड देश-विदेशों में लगातार बढ़ती जा रही है. जौनसार बावर अखरोट की पैदावार के लिए काफी मुफीद माना जा रहा है. ऐसे में किसानों की डिमांड पर कालसी के व्यास नेहरी में किसान ज्ञान सिंह चौहान ने उच्च क्वालिटी के सुपर कागजी अखरोट की पौधशाला तैयार की है.
ज्ञान सिंह ने उगाए सुपर कागजी अखरोट के 10 हजार पौधे:इस पौधशाला में शुरुआती दौर में करीब 10,000 पौधे तैयार हैं. इसका निरीक्षण करने को सहायक विकास अधिकारी उद्यान खेमा जोशी खुद पहुंचे. निरीक्षण के बाद किसान ज्ञान सिंह चौहान की पौधशाला का उद्यान विभाग की योजना में पंजीकरण करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
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इससे किसान ज्ञान सिंह अपनी उन्नत प्रजाति के सुपर कागजी अखरोट की पौध को और विस्तारित कर सकते हैं. इसके साथ ही वो उत्तराखंड सहित देश के अन्य प्रदेशों में व विदेशों तक भी पौध की सप्लाई कर सकते हैं. ऐसे में बागवानी में रुचि रखने वाले किसानों को अब अखरोट की पौध के लिए भटकने की जरूरत नहीं होगी. अब उचित मूल्य पर शीघ्र ही अखरोट के पौधे जौनसार बावर के किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे.
जौनसार बावर में अखरोट की खेती बढ़ेगी:किसान ज्ञान सिंह चौहान ने बताया कि जौनसार बावर क्षेत्र से लगातार किसान उच्च क्वालिटी के अखरोट की पौधों की मांग कर रहे थे. इसको देखते हुए करीब 10,000 अखरोट की पौध तैयार की हुई है. इसमें उद्यान विभाग की भी भूमिका है. वहीं सहायक विकास अधिकारी उद्यान खेमा जोशी ने बताया कि बागवानी में रुचि रखने वाले किसान भाइयों के लिए कालसी के व्यास नेहरी के किसान ज्ञान सिंह चौहान ने सुपर कागजी अखरोट की पौधशाला तैयार की हुई है. खेमा जोशी ने कहा कि जौनसार बावर की जलवायु अखरोट की बागवानी के लिए अनुकूल है. उद्यान विभाग द्वारा पंजीकरण की कार्रवाई की जा रही है. इसके बाद अखरोट की पौध उत्तराखंड सहित देश-विदेशों में भी भेजी जा सकती है.
क्या है सुपर कागजी अखरोट:अखरोट कई प्रकार का होता है. जैसे- कांठी, साधारण, कागजी और सुपर कागजी. कांठी अखरोट हाथ से नहीं टूटता. इसे तोड़ने के लिए कठोर चीज प्रयोग करनी पड़ती है. इसमें खाने योग्य सामग्री (गिरी) कम होती है. साधारण अखरोट भी हाथ से नहीं टूटता. इसे तोड़ने के लिए भी कोई कठोर चीज प्रयोग करनी पड़ती है. इसमें कांठी से थोड़ा ज्यादा गिरी होती है. कागजी अखरोट हाथ से जोर लगाने पर टूट जाता है. इसमें कांठी और साधारण अखरोट से ज्यादा गिरी होती है. सुपर कागजी अखरोट हाथ से दबाते ही आसानी से टूट जाता है. इसका छिक्कल बहुत पतला होता है इस कारण इसमें गिरी ज्यादा होती है. इसलिए लोग कागजी या सुपर कागजी अखरोट को खाने के लिए पसंद करते हैं.