उत्तराखंड

uttarakhand

उत्तराखंड: खुद की आपूर्ति के लिए ही करनी पड़ रही जद्दोजहद, ये कैसा ऊर्जा प्रदेश !

By

Published : Sep 2, 2019, 7:23 PM IST

Updated : Sep 2, 2019, 10:01 PM IST

मानसून सीजन के दौरान यूजेवीएनएल की जल विद्युत परियोजनाओं से 17- 20 एमयू (मिलियन यूनिट ) विद्युत उत्पादन किया जा रहा है लेकिन यह भी प्रदेश के लिए नाकाफी है.

नाम का ऊर्जा प्रदेश बना उत्तराखंड.

देहरादून: उत्तराखंड को देशभर में ऊर्जा प्रदेश के नाम से जाना जाता है. यहां की विद्युत परियजनाओं से कई राज्य रोशन होते हैं लेकिन इन दिनों प्रदेश में विद्युत उत्पादन की जो स्थिति है वो वाकई में चिंताजनक है. गौरतलब है कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (UJVNL) वर्तमान में अपनी 13 जल विद्युत परियोजनाओं से महज 1300 मेगावाट बिजली का ही उत्पादन कर पा रहा है, जबकि प्रदेश में प्रति दिन 38-40 मिलियन यूनिट की डिमांड है.

नाम का ऊर्जा प्रदेश बना उत्तराखंड.
  • UJVNL की परियोजनाएं क्षमता (MW)
  • मनेरीभाली- II 304
  • चिबरो 240
  • रामगंगा 198
  • चीला 144
  • खोदरी 120
  • तिलोथ 90
  • ढालिपुर 51
  • खटीमा 41.4
  • ढकरानी 33.75
  • कुल्हाल 30
  • पाथरी 20.4
  • गलोगी 03
  • दुनाओ 1.5


यूजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक एसएन वर्मा ने बताया कि साल दर साल जिस तरह प्रदेश में जनसंख्या और उद्योग बढ़ रहे हैं उसके कारण बिजली की खपत बढ़ती जा रही है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में मानसून सीजन के दौरान यूजेवीएनएल की जल विद्युत परियोजनाओं से 17- 20 एमयू (मिलियन यूनिट ) विद्युत उत्पादन किया जा रहा है लेकिन यह भी प्रदेश के लिए नाकाफी है. यही कारण है कि UPCL को अक्सर प्रदेश की विद्युत जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय पूल के साथ ही निजी कम्पनियों से महंगे दामों में बिजली खरीदनी पड़ती है.

पढ़ें-प्रदेशभर में याद किये गये खटीमा गोलीकांड के शहीद, मनाई गई 25वीं बरसी

बहरहाल, प्रदेश में विद्युत उत्पादन की स्थिति को देखकर तो यही लगता है कि ऊर्जा प्रदेश अब केवल नाम का ही ऊर्जा प्रदेश बनकर रह गया है. कुल मिलाकर देखें तो स्थिति कुछ ऐसी है अपनी 13 जल विद्युत परियोजना के सहारे यूजेवीएनएल प्रदेश की कुल विद्युत जरूरत के मुकाबले महज 30 से 40 प्रतिशत बिजली का ही उत्पादन कर पा रहा है.

Last Updated : Sep 2, 2019, 10:01 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details