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रियल एस्टेट फर्जीवाड़ा: रेड कॉर्नर नोटिस के बाद दून पुलिस कर सकती है मित्तल को गिरफ्तार

एसएसपी दून का कहना है वह इस ओर भी प्रयासरत है कि उत्तराखंड शासन और पुलिस मुख्यालय से अनुमति लेने के बाद दीपक मित्तल की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष पुलिस टीम को दुबई भेज सके.

रियल एस्टेट फर्जीवाड़ा
रियल एस्टेट फर्जीवाड़ा

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Published : Sep 21, 2021, 6:54 AM IST

Updated : Sep 21, 2021, 8:15 AM IST

देहरादून:राजधानी में लंबे समय से Real estate में फर्जीवाड़ा और नशा तस्करी जैसे अन्य गम्भीर किस्म के संगठित अपराधों में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ शिकंजा कसन शुरू कर दिया है. वहीं, बीते 8 महीनों में देहरादून पुलिस ने 14 मामलों में गैंगस्टर एक्ट में मुकदमे दर्ज किये हैं. हैरानी की बात यह है कि साल 2019-20 में दर्जनों लोगों को फ्लैट अपार्टमेंट बेचने के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी कर दुबई में छिपे भगोड़े दीपक मित्तल गैंग पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई नहीं कर सकी है जबकि, बिल्डर मित्तल पर एक संगठित गैंग बनाकर काफी लोगों की गाढ़ी कमाई हड़पने का आरोप में कई मुकदमे दर्ज हैं.

जानकारी के मुताबिक, अभियुक्त दीपक मित्तल के खिलाफ दर्ज किसी भी मुकदमे अभी तक चार्जशीट कोर्ट में दाखिल ना होने के चलते उस पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई नहीं हो सकी है. हालांकि, वांटेड दीपक मित्तल पर कानूनी शिकंजा कसने का दावा करते हुए अब दून पुलिस मित्तल के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी का भी दम भर रही है.

देहरादून एसएसपी जन्मेजय खंडूरी के मुताबिक, रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के संबंध में उनके द्वारा उत्तराखंड सीबीसीआईडी मुख्यालय को पत्र भेजा जा चुका है और उसी के आधार पर सीबीसीआईडी केंद्रीय एजेंसी से पत्राचार कर भगोड़े दीपक मित्तल पर रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की कार्रवाई में जुटी है. इतना ही नहीं एसएसपी दून का यह भी कहना है वह इस ओर भी प्रयासरत है कि उत्तराखंड शासन और पुलिस मुख्यालय से अनुमति लेने के बाद दीपक मित्तल की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष पुलिस टीम को दुबई भेज सके.

संगठित अपराधों पर नकेल कसने का प्रभावी तरीका गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई: दरअसल, किसी भी बड़े संगठित अपराध पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिये गैंगस्टर एक्ट लगाया जाता है. इस एक्ट में अपराधियों के गैंग तंत्र को नेस्तनाबूद करने के लिए गैंगस्टर की 14 (1) की धारा के तहत संबंधित अपराध के जरिए हासिल करने वाली संपत्तियों का जब्त (फ्रीज) करने से लेकर उनके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अमल में लाई जाती है. इस धारा के अंतर्गत आरोपित लोगों की संपत्तियों का मूल्यांकन कर उसकी रिपोर्ट पुलिस जिला अधिकारी के सामने पेश करती है. गैंगस्टर एक्ट लगाने के लिए जिला डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट द्वारा ही आदेश मिलने के बाद इस एक्ट में मुकदमा दर्ज किया जाता है. हालांकि, इससे पहले संगठित आपराधिक गैंग के खिलाफ कम से कम एक ही किस्म के दो दर्ज मुकदमों में पुलिस को अपराध कारित की जांच-विवेचना कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करना अनिवार्य है.

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चुनाव से पहले गैंगस्टर की कार्रवाई तेज:बहरहाल, राजधानी देहरादून में लंबे समय से सक्रिय भू माफिया, डिफॉल्टर रियल एस्टेट बिल्डरों व अवैध ड्रग्स डीलरों सहित कई गंभीर किस्म के संगठित अपराध करने वालों सख्त शिकंजा कसने के दृष्टिगत समय-समय पर पुलिस मुख्यालय द्वारा गैंगस्टर जैसी प्रभावी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने के कड़े दिशा निर्देश दिए जाते रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद थाना-कोतवाली स्तर की पुलिसिंग पर इस तरह की ठोस कार्रवाई पर कोताही बरतने के आरोप वर्षों से सवाल के घेरे में हैं. हालांकि, किसी भी विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के समय जरूर संगठित किस्म के अपराधियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई तेज हो जाती है.

Last Updated : Sep 21, 2021, 8:15 AM IST

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