देहरादून: पंचायत चुनावों के लिए सरकार ने आरक्षण की सूची जारी कर दी है. आरक्षण की सूची जारी होने बाद प्रदेश भर में छोटी सरकार की तैयारियां तेज हो गई हैं. वहीं, जारी की गई आरक्षण सूची से कई गांवों में उहापोह की स्थिति भी पैदा हो गई है. टिहरी गढ़वाल का एक गांव ऐसा भी है जंहा प्रधान पद के लिए एसटी पद आरक्षित किया गया है लेकिन यहां गांव में एक व्यक्ति भी एसटी नहीं है. जिसके बाद कांडा-जाख गांव के लोग आरक्षित की गई सीट का विरोध कर रहे हैं. जिसके कारण ये ये गांव चर्चाओं में आ गया है. टिहरी का कांडा जाख गांव में प्रधान पद एसटी के लिए कैसे आरक्षित किया गया इसके पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है.
धनौल्टी विधानसभा के जौनपुर विकासखण्ड की ग्राम पंचायत कांडा-जाख के ग्रामीणों की आंखे तब खुली की खुली रह गयी जब सरकार द्वारा जारी की गई आरक्षण सूची को इस गांव के लोगों ने देखा. दरअसल इस गांव में एक भी परिवार क्या, एक भी व्यक्ति अनुसूचित जनजाति का नहीं है बावजूद इसके यहां प्रधान की सीट एसटी के लिए आरक्षित की गई है. जिसके बाद से ही पूरा गांव हैरान परेशान है कि आखिर ऐसा कैसे हो गया?
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गांव के लोग बताते हैं कि साल 2011 में हुई जनगणना के समय जौनसार-बाबर के कुछ लोग लकड़ी का काम और चिरान करने के लिए गांव में आये थे, जिनका नाम इस गांव की मतगणना में शामिल हो गया. जिसके बाद अब प्रधान के चुनाव में 2011 का मतगणना को देखते हुए प्रधान की सीट को आरक्षित किया गया है.
पूरे विकासखण्ड में केवल यही सीट हुई एसटी