देहरादून: चारधाम देवस्थानम बोर्ड के गठन से नाराज चल रहे तीर्थ पुरोहितों को सुब्रमण्यम स्वामी का समर्थन मिला है. इस पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आई है. कांग्रेस का कहना है कि सुब्रमण्यम स्वामी ने उनकी शंका पर मुहर लगाने का काम किया है. कांग्रेस का कहना है कि वह शुरू से ही तीर्थ पुरोहितों के विरोध को जायज ठहरी रही है.जिसे अब सुब्रमण्यम स्वामी ने भी मान लिया है.
देवस्थानम बोर्ड में सुब्रमण्यम स्वामी की एंट्री से कांग्रेस गदगद कांग्रेस का कहना है कि वह शुरू से ही सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही थी, मगर सरकार ने ये कहते हुए चार धाम देवस्थानम बोर्ड का फैसला लिया कि इसके लिए सभी तीर्थ पुरोहितों को भरोसे में लिया गया है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता डॉ. आरपी रतूड़ी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूकों की परवाह किए बिना बोर्ड के गठन का फैसला ले लिया. भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इस मामले में तीर्थ पुरोहितों का पक्ष लिया है. इससे साबित होता है कि कांग्रेस जो विरोध कर रही थी वो सही था.
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वहीं, भाजपा विधायक और देहरादून के पूर्व मेयर विनोद चमोली ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड को राज्य के हित में बताया है. उन्होंने कहा इस मामले में विधानसभा में बड़ी चर्चा हुई है. इस चर्चा में तीर्थ पुरोहितों और उनसे जुड़े लोगों के हक हकूकों की पूरी चिंता की गई है. चार धाम देवस्थानम बोर्ड को प्रदेश की आर्थिकी से जोड़कर भी देखा जा सकता है. उन्होंने कहा सरकार धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में बेहतर काम करने जा रही है. बोर्ड से यहां सुविधाएं बेहतर बनेंगी. इससे प्रदेश में धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा और रोजगार के अवसरों का सृजन होगा. विनोद चमोली के मुताबिक, ये बहुत ही महत्वकांक्षी योजना है. इसलिए सभी को इसका स्वागत करना चाहिए.
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बता दें कि त्रिवेंद्र सरकार ने हाल ही में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक को विधानसभा में पारित किया था. राज्यपाल की मुहर लगने के बाद अब यह कानून का रूप ले चुका है. मगर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इसे तीर्थ पुरोहितों के खिलाफ बताते हुए उन्हें समर्थन दिया है. जिसके बाद एक बार फिर से ये मामला गरमा गया है. जिस पर कांग्रेस और बीजेपी की ओर से लगातार बयानबाजी जारी है.