देहरादून: उत्तराखंड में सरकारी विभाग और विभागों में बैठे अधिकारी कर्मचारी लापरवाही से काम कर रहे हैं. ऐसा हम नहीं कह रहे पिछले दिनों हुई कुछ घटनाएं इसकी तस्दीक कर रही हैं. दरअसल उत्तराखंड बनने के 22 साल बाद भी वीआईपी के हेलीकॉप्टर कैसे उतरेंगे? क्या मानक होंगे? इसके लिए किस तरह की तैयारियां होंगी, इसको लेकर भी आज भी लापरवाही बरती जा रही है. आलम यह है कि अब तो खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनता के बीच पहुंचकर अधिकारियों को यह नसीहत देने से भी नहीं चूक रहे कि हेलीपैड पर तमाम व्यवस्थाएं और मानक को पूरा किया जाए.
हेलीपैड नियमों की उड़ रही धज्जियां: सीएम पुष्कर सिंह धामी को अधिकारियों को यह नसीहत इसलिए देनी पड़ी क्योंकि यह घटना एक दो बार नहीं पहले भी हो चुकी है. लापरवाही कहें या फिर मानवीय चूक, जब सीएम पुष्कर सिंह धामी विकासनगर के दौरे के दौरान एक कार्यक्रम में पहुंचे तो वहां के हालात देख सीएम भी सकते में आ गए. सीएम पुष्कर सिंह धामी के हेलीपैड के पास खड़े लोगों को यह जरा भी मालूम नहीं था कि चॉपर के जमीन पर आने के बाद हालात अचानक बदल जाएंगे.
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विकासनगर में उड़ गया था पंडाल: अपने मुख्यमंत्री का स्वागत करने के लिए हेलीपैड के पास खड़े लोग जब सीएम धामी के बाहर आने का इंतजार कर रहे थे कि तभी चॉपर जैसे ही जमीन पर उतरा, वैसे ही धूल मिट्टी का गुबार आ गया. आसपास लगाए गए बोर्ड पब्लिक के ऊपर गिरने लगे. आलम यह था कि जिस जगह पर कुछ देर पहले तक रंग-बिरंगे कपड़ों में कलाकार और समर्थक खड़े हुए थे, उस जगह पर सिर्फ मिट्टी के गुबार के अलावा कुछ नहीं था. गनीमत यह रही कि कोई हादसा नहीं हुआ.
सीएम धामी ने हेलीपैड पर देखी अव्यवस्था: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस पूरे मंजर को हेलीकॉप्टर में बैठकर देख रहे थे. लिहाजा जैसे ही वो जनता के बीच पहुंचे, उन्होंने मंच से ही अपने अधिकारियों को नसीहत दी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अधिकारियों को यह समझना चाहिए की हेलीकॉप्टर के हेलीपैड पर मानकों को पूरा किया जाये.
पीएम के हेलीकॉप्टर से भी उड़ा था पंडाल: ऐसा नहीं है कि ये लापरवाही सीएम के हेलीकॉप्टर लैंडिंग पर ही हुई थी. इससे पहले भी जब सीएम धामी देहरादून के परेड ग्राउंड में शपथ ले रहे थे तो तब भी नजारा ऐसा ही था. पीएम मोदी और अमित शाह के हेलीकॉप्टर के पंखे से धूल उड़ी तो वहां भी अव्यवस्था हो गई थी. विधायकों को जिस पंडाल में बैठाया गया था, वो पंडाल उड़ गया था. गनीमत रही थी कि इस दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई थी. हालांकि इस पर उस वक्त अधिक चर्चा नहीं हुई. लेकिन उस वक्त भी इसे इस तरह से देखा जा रहा था कि क्यों पीएम के चॉपर के उतरने के पास ही इस पंडाल को लगाया गया था.
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