देहरादून: चंपावत उपचुनाव (Champawat by-election) की तारीखों का ऐलान होने के बाद बीजेपी-कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दल उपचुनाव की तैयारियों में जुटे हैं. वहीं, इस उपचुनाव को लेकर बीजेपी काफी आत्मविश्वास से भरी नजर आ रही है. ऐसे में बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल के मुताबिक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ( Chief Minister Pushkar singh dhami) 9 मई को अपना नामांकन करेंगे. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी इस चुनाव को लेकर काफी उत्साहित है और उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस सीट से रिकॉर्ड मतों से जीतकर प्रदेश में नया कीर्तिमान स्थापित करेंगे.
बता दें कि चंपावत उपचुनाव के लिए 31 मई को वोटिंग और तीन जून को मतगणना होगी. कैलाश गहतोड़ी चंपावत सीट से लगातार दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए थे. मतगणना के दिन 10 मार्च को उन्होंने मुख्यमंत्री के लिए चंपावत सीट छोड़ने का प्रस्ताव रखकर 21 अप्रैल को विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया था. बीजेपी प्रत्याशी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस सीट से कांग्रेस की ओर से कौन टक्कर देगा, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है.
9 मई को नामांकन करेंगे CM पुष्कर सिंह धामी. पढ़ें: चंपावत से उपचुनाव लड़ेंगे CM धामी, जानिए क्यों चुनी यही सीट
वहीं, उपचुनाव के लिए बीजेपी ने पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी को चुनाव संयोजक नियुक्त किया है. वहीं, कांग्रेस और आप समेत अन्य दलों ने अभी तक इस सीट के लिए अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किये हैं. बीजेपी नेताओं की मानें तो प्रदेश महामंत्री संगठन भी चंपावत में डेरा जमाए हुए हैं. इस चुनाव को भारी मतों से जीतने के लिए बीजेपी रणनीति बना रही है. पिछले दिनों राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की बैठक में चंपावत उपचुनाव के लिए एक टीम का एलान कर दिया गया था. ऐसे में पार्टी अब अलग-अलग कार्यों के लिए टीमों के गठन में जुटी है. पार्टी ने इस सीट पर भी कमजोर बूथों पर काम शुरू कर दिया है.
धामी के हारते ही सीट ऑफर की थी:कैलाश गहतोड़ी बीजेपी के पहले विधायक थे जिन्होंने सबसे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट ऑफर की थी. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम 10 मार्च को जब घोषित हुए तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अप्रत्याशित रूप से अपनी परंपरागत सीट खटीमा से चुनाव हार गए थे. बीजेपी को जब पूर्ण बहुमत मिल गया तो उसी दिन कैलाश गहतोड़ी ने घोषणा कर दी कि वो धामी के लिए अपनी सीट से इस्तीफा देने को तैयार हैं. ये तब हुआ था जब बीजेपी ने धामी को दूसरी बार मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा नहीं की थी. हालांकि इसके बाद कई दूसरे विधायकों ने धामी के लिए अपनी सीट खाली करने की पेशकश की थी.
चंपावत से ही क्यों लड़ रहे सीएम धामी: चंपावत सीट को जातिगत समीकरणों के आधार पर धामी के लिए आसान माना जा रहा है. पहाड़ी जिले की इस सीट पर करीब 54 फीसदी ठाकुर मतदाता हैं. सीएम धामी भी ठाकुर हैं. इस सीट पर 24 फीसदी ब्राह्मण हैं. ब्राह्मणों को परंपरागत रूप से बीजेपी का वोटर माना जाता है. चंपावत सीट पर 18 फीसदी दलित और चार फीसदी मुस्लिम वोटर भी हैं. इस तरह वोटों के गुणा-गणित को देखते हुए बीजेपी ने सीएम धामी को चंपावत से उपचुनाव लड़ाना मुफीद समझा.
ये भी है कारण: सीएम धामी खटीमा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में धामी को अपनी परंपरागत सीट खटीमा में हार का सामना करना पड़ा. चंपावत सीट सीएम धामी की परंपरागत खटीमा सीट से सटी हुई है. इसलिए वह यहां के राजनीतिक, जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों से भी परिचित हैं. इस कारण सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत सीट को चुना होगा.
चंपावत से सीएम धामी का रिश्ता: चंपावत जिला पहले पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा था. सीएम धामी का जन्म पिथौरागढ़ में ही हुआ था. इस तरह पिथौरागढ़ सीएम धामी का पैतृक जिला हुआ. चंपावत 15 सितंबर 1997 में पिथौरागढ़ से अलग करके स्वतंत्र जिला बनाया गया था. इस कारण चंपावत के लोगों में सीएम धामी को लेकर अपने जिले का वासी होने की फीलिंग भी होगी. बीजेपी इस फीलिंग को वोटों में तब्दील करना चाहेगी.