देहरादून:उत्तराखंड में भाजपा के सदस्यता अभियान को लेकर नया लक्ष्य कांग्रेस की चिंताएं बढ़ा सकता है. मौजूदा आंकड़ों में भाजपा पहले ही कांग्रेस से 2 गुना अधिक सदस्यता वाली पार्टी है. अब एक महीने बाद भाजपा ने इस अंतर को चार गुना करने का लक्ष्य रखा है, जोकि कहीं न कहीं कांग्रेस के लिए आने वाले समय में बड़ी चुनौती साबित हो सकता है. भाजपा ने 11 अगस्त तक सदस्यता अभियान को 22 लाख के पार ले जाने का लक्ष्य तय किया है.
भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान को लेकर वर्कशॉप कार्यक्रम समाप्त किया जा चुका है. पार्टी ने 11 अगस्त तक सदस्यता अभियान के जरिए प्रदेश में करीब 22 लाख से ज्यादा सदस्य बनाए जाने का लक्ष्य रखा है. मौजूदा समय में उत्तराखंड में पार्टी के करीब 11 लाख 50 हजार सदस्य हैं. जबकि यही आंकड़ा राष्ट्रीय स्तर पर करीब 11 करोड़ पहुंच चुका है.
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भाजपा केंद्रीय संगठन की तरफ से अब राष्ट्रीय स्तर पर कुल 20 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य है. ऐसे में उत्तराखंड भाजपा को हर बूथ पर 100 सदस्य बनाने हैं. जिससे 11200 बूथों पर करीब 11 लाख से ज्यादा सदस्यों को बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है.
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आने वाले चुवानों में भाजपा का ये अभियान कांग्रेस के लिए मुसीबतें खड़ी कर सकता है. खास बात यह है कि प्रदेश में कांग्रेस के अब तक महज 5 लाख सदस्य ही हैं. जबकि क्षेत्रीय दल यूकेडी के हालात तो इससे भी ज्यादा खराब है. मिली जानकारी के अनुसार यूकेडी के सदस्यों की संख्या 1 लाख बताई जा रही है. जो किसी समय बहुच ज्यादा हुआ करती थी.
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भाजपा के सदस्यता अभियान के आंकड़े विपक्षी दलों के लिए चिंता पैदा करने वाले हैं. प्रदेश में कुल करीब 78 लाख वोटर हैं. जिनमें भाजपा के दावों के अनुसार 22 लाख तक वोटर्स उनके सदस्य होने जा रहे हैं. हालांकि इतने बड़े आंकड़े को लेकर कांग्रेस चिंतित तो दिख रही है लेकिन 2017 के बाद अब तक सदस्यता अभियान न चलाने वाली कांग्रेस भाजपा के आंकड़ों को गलत ठहरा कर अपनी कमियों को छुपाने की कोशिश में है. कांग्रेस प्रवक्ता आरपी रतूड़ी का कहना है कि भाजपा के आंकड़े भ्रमित करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस बेहद साफ सुथरे तरीके से सदस्यता अभियान को चलाती है.
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सदस्यता अभियान को लेकर भाजपा के दावे यदि सही हैं तो आने वाले समय में कांग्रेस के लिए सत्ता में वापसी करना काफी मुश्किल हो जाएगा. ऐसे में कांग्रेस को भी अब बेहद ज्यादा सक्रियता के साथ सदस्यता अभियान चलाने की जरुरत है. जिससे वो राज्य में मुख्य विपक्षी दल के रूप में मजबूती से खड़ी हो सके.