बागेश्वर: कुमाऊं की काशी नगरी के नाम से प्रसिद्ध बागेश्वर जिला अपने आप में पर्यटन की अपार संभावनाओं को समटे हुए है. पिंडारी ग्लेशियर जैसे विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल , कौसानी जिसे भारत का स्विट्जरलैंड कहा जाता है इसी जिले में स्थित हैं. इन दिनों जिले के गांव-गांव में पंचायत चुनाव की चहल-पहल देखी जा सकती है.आइए एक नजर डालते हैं बागेश्वर जिले में पंचायतों की स्थिति पर..
बागेश्वर में पंचायत 'पावर'
ग्राम पंचायतें | क्षेत्र पंचायत | जिला पंचायत |
407 | 120 | 19 |
पहले चरण में कहां-कहां हुआ 'एक्शन'
विकासखंड | विकासखंड का नाम |
1 | बागेश्वर |
अब कहां-कहां होगा पंचायत का 'एक्शन'
दूसरा चरण | तीसरा चरण |
गरुण | कपकोट |
बागेश्वर में प्रधान पद के लिए आरक्षित सीटें(270)
एसटी(महिला | महिला | एससी | एससी (महिला) | ओबीसी | ओबीसी(महिला) |
2 | 133 | 56 | 58 | 10 | 11 |
बागेश्वर में जिला पंचायत के लिए आरक्षित सीटें(13)
महिला | एससी महिला | एससी | ओबीसी |
7 | 3 | 2 | 1 |
बागेश्वर में क्षेत्र पंचायत के लिए आरक्षित सीटें(77)
एससी(महिला | एससी | एसटी(महिला) | ओबीसी(महिला) | ओबीसी(पुरुष) |
18 | 15 | 1 | 4 | 2 |
बागेश्वर में कौन दल कितना 'पावरफुल'
विधानसभा | विधायक | दल |
बागेश्वर | चन्दन राम दास | बीजेपी |
कपकोट | बलवन्त सिंह भौर्याल | बीजेपी |
बागेश्वर और कपकोट दोनों सीटों में ही बीजेपी का कब्जा है. इस लिहाज से भाजपा समर्थित प्रत्याशियों की स्थिति मजबूत नजर आ रही है . हालांकि क्षेत्रीय स्तर पर पल-पल बदल रहे चुनावी समीकरणों और ग्रामीणों में अपने क्षेत्र में अब तक मूलभूत सुविधाओं का अभाव बीजेपी व कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों के लिए खतरे की घंटी बजा सकता है. कुछ सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों का पलड़ा भी भारी नजर आ रहा है. इस लिहाज से अनुमान लगा पाना बड़ा कठिन है कि इस चुनावी रण में कौन बाजी मारेगा.
बागेश्वर जिले में पंचायत चुनाव के मुद्दे
- स्वास्थ्य
- शिक्षा
- बिजली
- सड़क
- संचार
- पलायन
- रोजगार
- पानी
ये वे सभी मुद्दे हैं जो इन पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे. पलायन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे को सभी प्रत्याशी गंभीरता से ले रहे हैं. अन्य मुद्दों को लेकर भी प्रत्याशी चुनाव मैदान में खूब पसीना बहा रहे हैं. देखना होगा इस चुनावी रणभूमि में कौन बाजी मरता है.