देहरादून: रंगों के त्योहार होली में अब कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में हर किसी में इस त्योहार को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है. हर कोई होली के लिए अभी से रंगों की खरीदारी में लगा हुआ है. मगर क्या आप जानते हैं कि बाजार में मिलने वाले ये सिंथेटिक गुलाल आपकी त्वचा के लिए कितने हानिकारक साबित हो सकते हैं ? अपनी इस खास रिपोर्ट के माध्यम से ईटीवी भारत आपको सिंथेटिक रंगों से त्वचा को होने वाले नुकसान से रूबरू कराने जा रहा है.
सोसाइटी ऑफ पॉल्यूशन एंड एनवायरमेंटल कंजर्वेशन साइंटिस्ट के वैज्ञानिकों ने बाजार में होली पर मिलने वाले 50 अलग अलग रंग के गुलालों के सैंपल एकत्रित कर उन पर एक शोध किया. जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. बृजमोहन शर्मा के मुताबिक होली के मौके पर बाजारों में मिलने वाले गुलाल पूरी तरह से रसायनिक तत्वों से तैयार किए जाते हैं, जो कि त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं. साथ ही साथ इनके इस्तेमाल से आंखों में जलन, अंधापन, कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां भी हो सकती हैं.
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ये सभी गुलाल अधिकतर धातु के ऑक्साइड, औद्योगिक रंग और इंजन ऑयल मिलाकर तैयार किए जाते हैं. डॉ. बृजमोहन शर्मा के मुताबिक रासायनिक रंगों से होने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए सभी को प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए. जिन्हें आसानी से अपने घरों में उपलब्ध फल, सब्जियों और फूलों से तैयार किया जा सकता है. प्राकृतिक रंगों के इस्तेमाल से हमारी त्वचा को कोई नुकसान नहीं पहुंचता.