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आपदा का हवाई सर्वे कर लौटे शाह, बोले- केंद्र की चेतावनी के बाद नुकसान कम, CM की थपथपाई पीठ - Home Minister Amit Shah Live

उत्तराखंड के आपदाग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर बैठक की. बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से चेतावनी मिलने के बाद राज्य में कम नुकसान हुआ. शाह ने सीएम धामी की पीठ भी थपथपाई. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आपदा के समय सूझबूझ से काम किया.

Amit Shah
अमित शाह की प्रेस कॉन्फ्रेंस

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Published : Oct 21, 2021, 1:48 PM IST

Updated : Oct 21, 2021, 3:25 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई दौरा कर लौटे गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उन्होंने तबाही के हालात देखे हैं. भारत सरकार की ओर से चेतावनी मिलने के बाद राज्य में नुकसान कम हुआ, जनहानि कम हुई, क्योंकि पहले ही बचाव को लेकर काम कर लिया गया था.

एजेंसियों का काम सराहनीय:गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 16 तारीख को भारत सरकार की तरफ से राज्य को चेतावनी जारी की गई थी, जिसके बाद सीएम धामी ने सूझबूझ के साथ हालातों को देखा. इसके साथ ही सभी एजेंसियों ने समय से काम पूरा किया. एनडीआरएफ, आर्मी, एसडीआरएफ सभी बारिश आने से पहले अलर्ट मोड पर रहे. एनडीआरएफ की 17 टीमें, एसडीआरएफ की 7 टीमें, पीएसी की 15 कंपनियां और 5000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात रहे.

अमित शाह ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

64 मौतें, 3500 लोग रेस्क्यू:गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, राज्य में आपदा के कारण अबतक 64 लोगों की मौत हुई है और 11 से अधिक लोग अभी लापता हैं. दो ट्रैकिंग टीम के लोग भी लापता हैं. पहले अलर्ट हो जाने से चारधाम यात्रियों को नुकसान नहीं पहुंचा है. सभी यात्रियों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर रोका था. राहत की बात है कि किसी यात्री की मौत नहीं हुई. 3500 लोगों को रेस्क्यू किया गया है.

14 जगह लोगों को प्रभावित होने से बचाया गया है. उन्होंने बताया कि राज्य में 3 सड़कों के अलावा सभी सड़कें चालू हो गई हैं, बिजली की उपलब्धता 60 % कर दी गई है. राज्य में 3 या 4 जगह ऐसी हैं, जहां पहाड़ों को काटकर सड़क बनानी पड़ेगी.

राहत पैकेज का ऐलान नहीं: गृह मंत्री अमित शाह के आने के बाद राज्य सरकार और जनता को आपदा से निपटने के लिए राहत पैकेज की उम्मीद थी, लेकिन शाह ने अपने संबोधन में ऐसे किसी पैकेज की घोषणा नहीं की. हालांकि, उन्होंने ये जरूर कहा कि कुछ महीने पहले ही केंद्र की ओर से राज्य को ढाई सौ करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है. ताजा नुकसान के आकलन के लिए केंद्र से एक सर्वे टीम यहां आएगी. भारत सरकार राज्य की हरसम्भव सहायता करेगी.

आपदाग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करते गृह मंत्री, राज्यपाल व सीएम.

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दो घंटे का हवाई सर्वे:इससे पहले अमित शाह बुधवार देर रात देहरादून पहुंचे थे, जहां से वो सीधे राजभवन के लिए रवाना हुए. आज सुबह उन्होंने जीटीसी हेलीपैड से हवाई सर्वेक्षण के लिए उड़ान भरी. शाह ने 2 घंटे तक उत्तराखंड में आपदा से हुए नुकसान का हवाई सर्वेक्षण किया. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पौड़ी, रुद्रप्रयाग, नैनीताल, रुद्रपुर, रामगढ़ और पिथौरागढ़ का हवाई दौरा किया. आपदा का हवाई सर्वेक्षण कर जौलीग्रांट लौटे अमित शाह ने एयरपोर्ट पर ही बैठक ली.

राज्य को बड़ा नुकसान:उत्तराखंड में तीन दिनों तक चले जल प्रलय के कारण अबतक प्रदेश में 64 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि कई लोग अभी भी लापता बताया जा रहे हैं. उत्तराखंड में इस भीषण त्रासदी के निशान अगले कई महीनों तक देखे जाएंगे. इन तीन दिनों में प्रदेश को अब तक 6 हजार करोड़ से ज्यादा नुकसान हो चुका है. अलग-अलग जगहों पर भूस्खलन, जलभराव और संपर्क मार्ग टूटने के अलावा अन्य कई तरह के नुकसान देखने को मिले हैं. कई जगह पर छोटे पुल पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं. वहींं, कई बड़े पुल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं जो कि प्रदेश के लिए बड़ा नुकसान है.

आपदाग्रस्त क्षेत्र की तस्वीर.

जनहानि की बात करें तो सबसे ज्यादा नैनीताल जिले में 30 मौतें अब तक रिपोर्ट की गई हैं. इस तरह से पूरे प्रदेश में केवल 3 दिनों के भीतर 64 लोग काल के गाल में समा गए हैं. वहीं, कुमाऊं समेत पूरे प्रदेश में तीन दिन की बारिश ने कहर बरपाया है. इससे प्रदेश में काफी नुकसान भी हुआ है. बुधवार को सीएम धानी ने बताया कि उत्तराखंड आपदा में करीब 5 हजार करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन सामने आया है. हालांकि ताजा आकलन 6 हजार करोड़ बताया जा रहा है.

सड़कों के बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा फसलों को नुकसान हुआ है. यह मौसम फसलों के ढुलान का मौसम था. इस समय कई हजारों कुंतल अनाज मंडियों में खुला रखा था. अचानक आई इस बेमौसमी बारिश ने संभलने तक का मौका नहीं दिया, जिसके बाद मंडियों में रखा अनाज ही नहीं बल्कि खेतों में तैयार फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा नुकसान कितना हुआ है, इसको लेकर राजस्व विभाग और तमाम संबंधित विभागों के अधिकारियों को हालात सामान्य होते ही जल्द ही फील्ड पर भेजा जाएगा. उसके बाद सटीक आकलन किया जाएगा.

कई पहाड़ी जनपदों के साथ-साथ मैदानी जनपदों में पेयजल लाइनों को भी नुकसान हुआ है. वहीं विद्युत लाइनें भी कई जगह पर क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनको लेकर डाटा कलेक्ट किया जा रहा है.

Last Updated : Oct 21, 2021, 3:25 PM IST

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