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वन विभाग की बैठक में ACS आनंद वर्धन ने कराई फजीहत, पत्रकारों से बदसलूकी कर मांगी माफी

वन विभाग की बैठक में आज ACS आनंद वर्धन ने पत्रकारों को बैठक स्थल से बाहर करने की धमकी दी. जिसके बाद माहौल थोड़ा गरमा गया. आनंद वर्धन के इस रवैये से वन मंत्री हरक सिंह रावत के साथ ही विभागीय अधिकारी भी हैरान दिखे. हालांकि बाद में उन्होंने माफी मांगी.

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वन विभाग की बैठक में ACS आनंद वर्धन ने कराई फजीहत

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Published : Sep 11, 2021, 4:35 PM IST

देहरादून: वन विभाग की बेहद महत्वपूर्ण बैठक में आज अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने विभाग की खूब फजीहत कराई. खास बात यह है कि भारत सरकार के अधिकारी भी इस बैठक में मौजूद थे. इस दौरान आनंद वर्धन ने कुछ ऐसा कर दिया जिससे न केवल उन्हें माफी मांगनी पड़ी बल्कि जाने-अनजाने में उन्होंने सरकार की किरकिरी भी करवा दी.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने आज मंत्री हरक सिंह और विभाग के अधिकारियों की फजीहत करवा दी. वन विभाग की बेहद महत्वपूर्ण बैठक में आनंद वर्धन न जाने किस ध्यान में थे कि न तो उन्हें अपने बोलने की कोई सुध थी और न ही मर्यादाओं की फिक्र थी. हैरत की बात यह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें अपना अपर मुख्य सचिव नियुक्त किया हुआ है. इतने महत्वपूर्ण पद पर मौजूद इस अधिकारी ने आज भरी बैठक में पत्रकारों के साथ बदसलूकी कर सबको हैरत में डाल दिया.

वन विभाग की बैठक में ACS आनंद वर्धन ने कराई फजीहत

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खास बात यह भी है कि आनंद वर्धन जिस तरह से वन विभाग की बैठक में पत्रकारों को बैठक स्थल से बाहर करने की बात कह रहे थे, उससे वहां मौजूद मंत्री हरक सिंह रावत और दूसरे अधिकारी भी हैरत में दिखे. इसके बाद जब उन्हें लगा कि उन्होंने कोई बड़ी गलती कर दी है तब उन्होंने इस मामले पर पत्रकारों से माफी भी मांगी.

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बहरहाल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव का इस तरह से व्यवहार करना वन मंत्री हरक सिंह के कार्यक्रम पर पानी फेर गया. इस मामले पर वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा अधिकारी की तरफ से गलती की गई है. अचानक इस तरह से आनंद वर्धन का पत्रकारों को बाहर करना उन्हें भी समझ में नहीं आया.

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मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव पद पर बैठे अधिकारी का यह रवैया वाकई शर्मिंदा करने वाला है. सवाल तो यह उठ रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की बैठक में यदि कभी आनंद वर्धन ऐसी बदसलूकी कर बैठे तो मुख्यमंत्री क्या करेंगे? बहरहाल, इतने वरिष्ठ अधिकारी का इतनी महत्वपूर्ण बैठक में ऐसे रवैया सबकी समझ से परे ही रहा.

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