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देश के 8वें अमीर CEO हैं आचार्य बालकृष्ण, कामयाबी की कहानी है बेहद रोचक - Acharya Balakrishna's property

हर साल उद्योगपति और लोगों की संपत्ति का सर्वे करने वाली सबसे बड़ी संस्था हारून रिच ने कहा है कि आचार्य बालकृष्ण देश के टॉप टेन CEO में आठवें स्थान पर हैं. यानी आचार्य बालकृष्ण का नाम आज देश की नामचीन हस्तियों में शुमार हो गया है. शुक्रवार को तबीयत खराब होने पर आचार्य बालकृष्ण को ऋषिकेश एम्स में भर्ती करवाया गया.

देश के आठवें अमीर शख्स बने आचार्य बालकृष्ण.

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Published : Aug 23, 2019, 10:52 PM IST

Updated : Aug 23, 2019, 11:00 PM IST

देहरादून: योग गुरु रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण से अब देश के बड़े उद्योगपति घबराने लगे हैं. अडानी, अंबानी हो या फिर रतन टाटा जिस तेजी से आचार्य बालकृष्ण देश के बड़े उद्योगपतियों में अपना नाम दर्ज करवा रहे हैं उसे इस बात से कोई भी इनकार नहीं कर सकता कि आने वाले दिनों में आचार्य बालकृष्ण देश के सबसे बड़े अमीर CEO भी बन सकते हैं. हर साल उद्योगपति और लोगों की संपत्ति का सर्वे करने वाली सबसे बड़ी संस्था हारून रिच ने कहा है कि आचार्य बालकृष्ण देश के टॉप 10 CEO की लिस्ट में आठवें स्थान पर हैं. यानी आचार्य बालकृष्ण का नाम आज देश की नामचीन हस्तियों में शुमार हो गया है.

नेपाल में जन्मे आचार्य बालकृष्ण
नेपाल में जन्मे आचार्य बालकृष्ण बहुत छोटे परिवार से आते हैं. पांच भाई-बहनों में से एक आचार्य बालकृष्ण के चार भाई आज भी नेपाल में सामान्य जीवन जी रहे हैं. नेपाल में पैदा हुए और बालकृष्ण ने गुरुकुल में अपनी शिक्षा-दीक्षा ग्रहण की और उसके बाद योग और आयुर्वेद में उपलब्धि हासिल की. जिसके बाद साल 2000 में वे योग गुरु बाबा रामदेव के साथ सुर्खियों में आये. साल 2000 के आसपास ही योग गुरु रामदेव ने आचार्य बालकृष्ण के साथ मिलकर पतंजलि योगपीठ और दूसरी संस्थाओं की स्थापना की. धीरे-धीरे यह कदम बढ़ते गए और पतंजलि आज देश ही नहीं बल्कि विश्व में भी अपनी पहचान बना चुका है.

आज भी खेतों में काम करते हैं

आजतक उनके जीवन में ज्यादा बदलाव नहीं आये हैं. आज भी वे धोती-कुर्ता पहनते हैं, सामान्य जीवन जीते हैं. वे आज भी पतंजलि योगपीठ के खेतों में काम करते हैं. इसके साथ ही जंगलों में घूम कर जड़ी बूटी ढूंढने का भी बालकृष्ण काम करते हैं.

'जब तक आदमी स्वयं काम नहीं करता तब तक सफल नहीं होता'
आचार्य बालकृष्ण कहते हैं कि जब वह गांवों में लोगों के बीच जाते हैं तो सभी उनसे ये सवाल करते हैं आखिरकार आचार्य यहां क्या कर रहे हैं? क्योंकि वे सभी जानते हैं कि आज उनके साथ आईआईटी, आईआईएम और दूसरे बड़े शिक्षण संस्थानों से पास आउट लोग काम कर रहे हैं. तब बालकृष्ण कहते हैं कि जब तक आदमी स्वयं काम नहीं करता तब तक वह सफल नहीं हो सकता.

विदेशी कंपनियों की लूट से देशवासियों को बचाना लक्ष्य
आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि लोगों को अच्छा खाना मिले, लोग स्वस्थ रहें और देशवासियों को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो. इसके लिए वे लगातार काम कर रहे हैं. आज पतंजलि जहां भी पहुंचा है उसके बारे में बालकृष्ण का कहना है कि इसके पीछे पूरे विश्व में भारत का डंका बजवाना था. उन्होंने कहा जिस तरह से विदेशी कंपनियां देशवासियों को लूट रही हैं उसे देखते हुए पतंजलि की स्थापना की गई.

बालकृष्ण की मानें तो जब उनका ये मिशन शुरू हुआ था तब से लेकर आज तक वे बड़ी-बड़ी कंपनियों के टारगेट लिस्ट में भी शामिल हो गये हैं. लिहाजा उनका अबतक का ये सफर बेहद की रोमांचक रहा है.

ऋषिकेश AIIMS में भर्ती हैं आचार्य बालकृष्ण
फिलहाल पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण की तबीयत खराब है. आचार्य बालकृष्ण को ऋषिकेश AIIMS में भर्ती कराया गया है. जहां स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम की देखरेख में उनका इलाज किया जा रहा है. एम्स अस्पताल ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए कहा कि आचार्य बालकृष्ण की हालत कुछ संदिग्ध वस्तु खाने से खराब हुई है.

Last Updated : Aug 23, 2019, 11:00 PM IST

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