पौड़ी:लोकसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है. 11 अप्रैल को उत्तराखंड में मतदान होने हैं. इसी के साथ प्रत्याशियों के नामों पर सरगर्मियां तेज हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और पौड़ी सांसद भुवन चंद खंडूड़ी के इस बार चुनाव लड़ने पर संशय बना हुआ है. हालांकि इन पांच सालों में पौड़ी सांसद भुवन चंद खंडूड़ी का कार्यकाल कैसा रहा, इस पर एक नजर डालते हैं.
दो बार रहे उत्तराखंड के सीएम
गौर हो कि पौड़ी की जनता सांसद भुवन चंद खंडूड़ी के कार्यकाल से नाखुश ही दिख रही है. साल 1954 से लेकर 1990 तक भुवन चंद खंडूड़ी सेना में रहे. साल 1991 में पहली बार गढ़वाल संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और चुनाव में विजय प्राप्त कर सांसद बने. यह सिलसिला आगे भी जारी रहा और साल 1991, 1998, 1999, 2004, 2014 में गढ़वाल संसदीय सीट से विजय प्राप्त हासिल की. हालांकि साल 1996 में सतपाल महाराज से हार का सामना करना पड़ा था. 2007 से 2009 तक और 2011 से 2012 तक उत्तराखंड के दो बार मुख्यमंत्री भी रहे.
सांसद निधि नहीं कर पाए पूरी खर्च
गढ़वाल सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी अपने संसदीय क्षेत्र में सांसद निधि पूरी तरह से खर्च नहीं कर पाए हैं. उत्तराखंड सांसदों में सबसे कम बजट खर्च करने वालों में भगत सिंह कोश्यारी और फिर बीसी खंडूरी दूसरे स्थान पर हैं. बता दें कि हर साल 5 करोड़ रुपए का बजट सांसद को स्वीकृत होता है. जानकारी के अनुसार इन पांच सालों में 25 करोड़ में से पौड़ी सांसद ने मात्र 7 करोड़ ही खर्च किये हैं.
सांसद निधि खर्च करने का विवरण
⦁ 2014-15 - 4 करोड़ 54 लाख
⦁ 2015-16 -2 करोड़ 92 लाख
⦁ 2016-17- कोई खर्चा नहीं
⦁ 2018-19-कोई खर्चा नहीं
कार्यकाल से जनता नाखुश
गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में कितना विकास हुआ इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2557 विकास कार्यों में से महज 357 कार्य ही गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में पूरी हो पाए हैं. जबकि 2146 कार्य आरंभ भी नहीं हो पाए.
पौड़ी की जनता भुवन चंद्र खंडूड़ी के इस कार्यकाल से नाखुश दिख रही है. जनता का कहना है कि लगभग ढाई सालों से सांसद के दर्शन नहीं हुए हैं. वहीं भुवन चंद्र खंडूड़ी पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह आने वाले चुनाव में दावेदारी नहीं करेंगे.