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ग्राउंड रिपोर्टः ओडीएफ के बाद भी हाथों से नहीं छूट रहा लोटा, जानिए क्या कही ग्रामीणों ने बात - हरिद्वार न्यूज

प्रशासन के इस दावे के बाद भी कुछ घरों में शौचालय नहीं बन पाए हैं

ओडीएफ के बाद भी हाथों से नहीं छूट रहा लोटा

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Published : Mar 6, 2019, 10:02 PM IST

हरिद्वार:उत्तराखंड सरकार भले ही एक साल पहले राज्य को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) होने के दावा कर चुकी हो, लेकिन हरिद्वार के ग्रामीण इलाकों में लोग अभी भी खुले में शौच जा रहे हैं. हालांकि प्रशासन द्वारा लोगों को शौचालय बनाने के लिए 12 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जा रही है. आखिर क्या कारण है कि प्रशासन की ओर से आर्थिक मदद दिए जाने के बाद भी ग्रामीण इलाकों में शौचालय नहीं बनवाए गए और लोग शौच के लिए अभी भी बाहर जा रहे हैं. इसकी पड़ताल की ईटीवी भारत ने.

ईटीवी भारत के सामने जो सच्चाई आई वो चौंकाने वाली है. ग्रामीण इलाकों के घरों में शौचालय बनाने के लिए प्रशासन की और से 12 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है. हरिद्वार जिला प्रशासन ने अपने पहले बेसलाइन सर्वे में 1 लाख 42 हजार 600 परिवार को चिन्हित किया था. दूसरे सर्वे में 8 हजार 208 घर और जोड़े गए. इसमें से ज्यादातर घरों में तीन से चार किस्तों में शौचालय बनाने के लिए पैसा लाभार्थियों के खाते में जमा किया गया. प्रशासन की माने तो इसके बाद भी अगर कोई घर छूट गया है तो वह पंचायत सचिव या तहसील में संपर्क कर सकता है.

प्रशासन के इस दावे के बाद भी कुछ घरों में शौचालय नहीं बन पाए हैं. कुछ घर तो ऐसे हैं जिन्होंने अपने खर्चे पर शौचालय बनवाए हैं. जिनके घर में शौचालय नहीं है उनका कहना है कि उन्हें बहुत परेशानी हो रही है. महिलाओं का कहना है कि उन्हें सुबह 5 बजे धर से बाहर जाना पड़ता है जिसकी वजह से काफी परेशानी होती है. घर में शौचालय बनना चाहिए, इसमें सीधे-सीधे प्रशासन की लापरवाही है. कई बार कहने के बाद भी ना तो प्रधान और ना ही प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान दे रहा है.

वहीं कई घर तो ऐसे भी हैं जहां सरकार द्वारा शौचालय बनाए गए हैं, लेकिन वहां शौचालय का प्रयोग नहीं हो रहा है. इन शौचालय में गन्ना और गोबर के उपले रखे जा रहे हैं. जब ईटीवी भारत की टीम ने इन परिवार वालों से बात की आप इन शौचालय का प्रयोग क्यों नहीं कर रहे हैं तो उनके पास कोई जवाब नहीं था.

इस मामले पर ग्राम प्रधान का कहना है कि समाज में जागरूकता बढ़ रही है. सरकार शौचालय बनाने में मदद कर रही है तो कुछ लोग खुद भी अपने स्तर से शौचालय बनवा रहे हैं. अभी और लोगों को जागरूक करने का अभियान चलाने की जरूरत है. क्योंकि कई घरों में शौचालय बनाए गए हैं. उसके बावजूद भी लोग बाहर शौच करने जा रहे हैं.

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