देहरादून: प्रदेशभर के एनएचएम कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करने का ऐलान किया है. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एनएचएम कर्मचारियों और डिप्लोमा होल्डर्स नौजवानों की समस्याओं को उठाते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को ई-पत्र लिखा है.
हरीश रावत ने सीएम को पत्र लिखते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान एनएचएम कर्मचारियों की कुछ मांगों को तत्कालीन सरकार ने मानी थी. साथ ही इस संबंध में अधिकारियों की एक बैठक में शासनादेश भी जारी किया था. वहीं, कोरोना काल में एनएचएम कर्मियों के लिए बीमाकृत किए जाने की मांग भी शामिल हो गई थी. लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. वहीं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मियों का कहना है कि यदि जल्द उनकी मांगें पूरी नहीं होती है तो कार्य बहिष्कर आंदोलन करने को बाध्य होंगे. वहीं, हरदा ने सीएम से आग्रह करते हुए कहा कि आप जल्द से जल्द एनएचएम कर्मी से बात करें.
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डिप्लोमा होल्डर्स नौजवानों के लिए भी हरीश रावत ने उठाई मांग
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि डिप्लोमा होल्डर्स नौजवान हमारे कोर इंजीनियर सेक्टर हैं. उस सेक्टर में 2016 में कांग्रेस कार्यकाल के दौरान पब्लिक सर्विस कमीशन से भर्तियां की गई थी. उसके बाद से आज तक भर्तियां नहीं निकल रही है. जबकि प्रत्येक साल नौजवान पास होकर के आ रहे हैं, साथ विभाग में पद भी रिक्त चल रहे हैं. उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि बेरोजगार डिप्लोमा होल्डर के लिए पीडब्ल्यूडी, जल निगम जैसे ग्रामीण इंजीनियरिंग सेवा में जो पद रिक्त चल रहे हैं ,उन पदों को एक साथ निकाला जाए. ताकि इन बेरोजगार नौजवानों को रोजगार के अवसर मिल सके.
स्टाफ नर्स की भर्ती में प्राथमिकता दिए जाने की मांग की
उन्होंने कहा कि जितनी नियुक्तियां स्टाफ नर्स के लिए निकल रही हैं. उसमें पास्ट एक्सपीरियंस को कंसीडर नहीं कर रहे हैं. लेकिन सरकार उनके इस अनुभव को वेटेज दिया जाना चाहिए. ताकि उस वेटेज के साथ वे भी परीक्षा में शामिल हो सके. हरीश रावत ने स्टाफ नर्स की परीक्षाएं टालने की बजाय परीक्षाएं आयोजित करवाने पर जोर दिया है.