अल्मोड़ाः जिले में भारी बारिश और बादल फटने से काफी नुकसान हुआ है. हालांकि प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है. जिले में खीड़ के 2 किलोमीटर के दायरे में हुई भारी बारिश से बड़े पैमाने पर तबाही हुई है.
अल्मोड़ा जिले में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का प्रशासन ने जायजा लेकर हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया. रास्तों से लेकर पेयजल योजना पर इसका असर पड़ा है. चौखुटिया में बादल फटने से हुई तबाही का मंजर अत्यंत भयावह है. अचानक हुई बारिश से गदेरे और अन्य छोटे नाले उफान पर हैं.
पानी के बहाव की जद में आए लोगों ने किसी तरह जान बचाई. घरों में पानी घुसने से काफी नुकसान हुआ है. राशन सहित पूरा सामान भीग गया. साथ ही दो बैल बह गए. गांव की पेयजल योजना तथा रास्ते भी ध्वस्त हो गए हैं. सड़क पर भारी मात्रा में मलबा जमा हो गया है.
सोमवार को आपदाग्रस्त क्षेत्र में हालात का जायजा लेने पहुंचे अल्मोड़ा के जिलाधिकारी नितिन भदौरिया ने डोर टू डोर जायजा लिया. उन्होंने कहा कि शासन द्वारा आपदाग्रस्त ग्रामीणों को पूरी सहायता दी जाएगी.
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वहीं विधायक महेश नेगी और पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी ने भी आपदाग्रस्त गांव का दौरा किया और आपदा पीड़ितों से मुलाकात कर ढांढस दिलाया. दूसरी ओर खीड़ा गांव में SDRF, लोकनिर्माण विभाग, जलसंस्थान, खाद्य व आपूर्ति विभाग एवं बिजली विभाग द्वारा युद्धस्तर पर बचाव एवं राहत कार्य शुरू कर दिया गया है.
कपड़े और राशन तक नहीं बचा
हादसे के बाद गांव की बाला देवी और जयंती देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. दोनों महिलाओं का कहना था कि उनका सब कुछ चला गया है. पहनने के लिए कपड़े और खाने के लिए राशन तक नहीं है. दोनों का कहना था कि आपदा ने हमें कहीं का नहीं छोड़ा. हम कैसे जीवन यापन करें.
ग्राम प्रधान आनंदी देवी ने प्रभावित परिवारों को तुरंत आर्थिक मदद करने की मांग की. अन्य ग्रामीणों का भी कहना है कि वे आपदा से पूरी तरह से टूट चुके हैं.
जिलाधिकारी नितिन भदौरिया ने खीड़ा क्षेत्र में आई आपदा का डोर टू डोर सर्वे करने के बाद कहा कि आपदा पीड़ितों को शासन स्तर पर मुआवजा दिया जाएगा. जिलाधिकारी ने विशेष रूप से आपदाग्रस्त क्षेत्र चुलेरासिम और जुकानी तोक का दौरा किया.