हरिद्वार: महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर मध्य रात्रि से ही उत्तराखंड के तमाम शिवालयों में शिव का जलाभिषेक शुरू हो गया और हर तरफ 'हर-हर महादेव', 'बम-बम भोले' के उद्घोष की गूंज है. महाशिवरात्रि पर शिवालयों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है. वहीं भगवान शिव की ससुराल कनखल में महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर शिव की विशेष महाआरती की गई.
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महाशिवरात्रि के अवसर पर कनखल के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में रविवार शाम को भगवान शिव के विग्रह का खास श्रंगार किया गया. इसके बाद भगवान शिव की विशेष आरती और पूजा-अर्चना की गई. इस आरती में भक्तों को खासी भीड़ देखने को मिलती है. दूर-दूर भक्त इस विशेष आरती में हिस्सा लेने आते है.
इस बार शिवरात्रि पर बन रहा विशेष योग
पुराणों और पंडितों के अनुसार शिवरात्रि पर भगवान शिव और मां पार्वती के संयोग की तिथि को शिवारात्रि कहते है. कहा जाता है कि शिव और पार्वती का विवाह महाशिवरात्रि के दिन हुआ था. ज्योतिषाचार्यप्रतीक मिश्र पूरी ने बताया कि इस दिन शिव पूजन से इच्छित फल की प्राप्ति होती है. साथ इस बार की शिवरात्रि में हरिहर ब्रह्मा विष्णु महेश योग बन रहा है. 12 सालों बाद ये योग बना है. इस योग में शिव की पूजा के साथ आप कोई भी अनुष्ठान करते है तो आपकी सभी मनोकामना पूरी होती है. इस योग में भगवान शिव के अभिषेक करने का फल एक अश्वमेघ यज्ञ के बराबर होता है.