समोसे के स्वाद संग चुनावी गलचौरा: बनारसी बोले- वोटवा तो वही के मिली, जे कईले होई काम - up assembely election
बनारस का नाम लेते ही बाबा काशी विश्वनाथ, कचौड़ी-जलेबी, पान और यहां का अल्हड़पन याद आने लगता है. कहते हैं यहां की गलियों में प्यार स्वाद के रुप में परोसा जाता है, यहां की कुल्हड़ वाली चाय की तो बात ही अलग है. अगर इनमें से कुछ छूट जाए तो लगता है जैसे बरसों का इश्क छूट गया हो. बनारस की दुकानों पर अड़ीबाजी और ज्वलंत मुद्दों पर जब तक चर्चा न हो तब तक लगता है जैसे दिन ही पूरा न हुआ हो. चुनावी मौसम में बनारसी चकल्लस और अडियों पर रौनक जायज है. समोसे की दुकान पर बनारसियों ने ईटीवी भारत से बताया कि 2022 के चुनाव में किसकी बयार चल रही है और कौन इस चुनाव में जीत के लिए पूरा जोर लगा रहा है.