बहुत याद आओगे मेजर केतन शर्मा...
मेरठ का एक लाल शहीद हो गया. वह अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था. चार साल की छोटी बेटी को पता भी नहीं कि उसके पापा उसे छोड़कर कहां चले गए. अपने जवान बेटे की अर्थी को कंधा देने से बड़ा कोई दुख एक बाप के लिए नहीं होता. पिता रवींद्र शर्मा ने अपने शहीद बेटे मेजर केतन शर्मा को मुखाग्नि दी.