देश में 25 जून 1975 को लागू किया गया आपातकाल (India Emergency 1975) नई पीढ़ी भले ही भूल जाए, लेकिन वह लोग नहीं भूल सकते जिन्होंने उस समय यातनाएं सही थी. आपातकाल के दौरान लोकतंत्र को कुचलने की सारी हदें पार दी गईं थीं. यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को भी जेल भेज दिया गया था. करीब डेढ़ साल बाद उनके पिता जेल में मिलने पहुंचे तो उन्होंने कहा कि यह तो मेरा बेटा ही नहीं है. इस बात पर उन्नाव जेल के जेलर नाराज हुए और उनके पिता जी को डांट दिया तो इस पर हृदय नारायण दीक्षित दुखी हो गए. आपातकाल के दौरान के ऐसे ही तमाम संस्मरण विधानसभा अध्यक्ष ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए साझा किए.