हाथरस में कवियों ने चलाए व्यंग्य बाण, ढह गई राजनीति की सभी दीवार - राजनेताओं पर अपने व्यंग्यों के बाण
हाथरस: जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, जिले में चुनावी सरगर्मी बढ़ती जा रही है. मतदाताओं को लुभाने के लिए नेता रोज नए-नए दावे और वायदे करने में लगे हैं. यहां तक कि एक-दूसरे पर कटाक्ष करने से भी नहीं चूक रहे हैं. हाथरस में 20 फरवरी को मतदान होना है. लेकिन इससे जब हमने यहां जिले के कवियों से उनकी सियासी राय जानने की कोशिश की तो उन्होंने कुछ इस अंदाज में राजनेताओं पर अपने व्यंग्यों के बाण चलाए. खैर, काका हाथरसी ने अपनी आत्मकथा में लिखा था कि उनकी मृत्यु के बाद कोई रोएगा नहीं. उनके अंतिम संस्कार के समय श्मशान में काव्य पाठ का आयोजन होगा और ऐसा हुआ भी था.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:17 PM IST