चिनहट वार्ड दो के कठौता गांव में कई वर्षों से समस्याओं का अंबार, शिकायतों के बाद भी नहीं हुआ निस्तारण - प्रदेश में नगर निकाय चुनाव
लखनऊ : प्रदेश में नगर निकाय चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं, गली मोहल्लों की समस्याओं की शिकायतें सामने आने लगी हैं. लोगों का कहना है कि बीते पांच वर्षों में क्षेत्र में विकास के नाम पर कोई काम नहीं किया गया है, यहां तक की पार्षद वोट न मिलने का हवाला देकर काम न करने की बात करते हैं. राजधानी के सबसे पाॅश एरिया माने जाने वाले गोमती नगर क्षेत्र में भी अभी कुछ ऐसी जगह हैं जहां पर विकास कार्य हुए ही नहीं हैं. गोमती नगर के वास्तु खंड स्थित कठौता गांव अभी भी मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान हैं. इस गांव में रहने वाले लोगों का कहना है कि 'लखनऊ विकास प्राधिकरण ने उनकी जमीनें लेकर आस-पास आलीशान रिहायशी क्षेत्र बना दिए, लेकिन आज तक उनके गांव में सीवर, नाली व पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंची हैं. लोगों का कहना है कि इस समस्या को लेकर पार्षद, विधायक व नगर निगम के चक्कर काट रहे, लेकिन वर्षों से कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
क्षेत्रीय निवासी खेमई प्रसाद ने बताया कि 'लखनऊ विकास प्राधिकरण ने 20 साल पहले उनके गांव की जमीन विकास के नाम पर ले ली थी, लेकिन आज तक हमारे गांव में विकास के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ है. हमारे यहां आज तक नालियों का निर्माण तक नहीं कराया गया है. हमारा गांव नगर निगम के क्षेत्र में आने के बाद भी यहां पर सफाई कर्मचारी तक नहीं आते हैं. मजबूरी में पूरा गांव चंदा इकट्ठा करके सफाई कर्मचारियों को बुलाकर नालियों की सफाई कराता है.'
अनिल लोधी ने बताया कि 'गांव में पीने के पानी के लिए 'हर घर नल योजना' के तहत चार साल पहले घर-घर नल लगाया गया था, लेकिन आज तक इस नल में पानी नहीं आया है. गांव के लोग सरकारी हैंडपंप व सबमर्सिबल से पानी लेने के लिए मजबूर हैं.' शीला देवी ने बताया कि 'अभी 15 दिन पहले क्षेत्र में सीवर ओवरफ्लो हो गया था. इसके लिए कई बार क्षेत्रीय पार्षद व नगर निगम तक शिकायत की गई, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की. आलम यह हुआ कि थक हार कर सभी गांव वालों ने बाहर से सफाई कर्मचारी बुलाकर सीवर साफ कराया, जिसका पैसा सभी गांव वालों ने चंदा इकट्ठा कर दिया था.'
क्षेत्र की महिलाओं सोनी यादव, सुभाषसनी, कमला समेत कई महिलाओं का आरोप है कि 'क्षेत्रीय पार्षद हमारे गांव की तरफ कभी ध्यान नहीं देते. वह गांव के आस-पास के क्षेत्रों में सारे काम नियमित समय पर कराते हैं, लेकिन जब हमारे गांव की बात आती है तो वह गांव से वोट न मिलने की बात कहकर हमारे सभी कामों को टाल देते हैं. गांव की महिलाओं का कहना है कि गांव में जितनी भी नालियां हैं उनका निर्माण आज तक नहीं कराया गया है. अब स्थिति इतनी खराब हो गई है कि बरसात के समय में नालियां ओवरफ्लो होकर बहती हैं और गंदा पानी उनके घरों के अंदर तक पहुंचता है.'
इस पूरे मामले पर भाजपा नेता नलानीकांत का कहना है कि 'गांव के लोग अक्सर समस्याएं लेकर उनके सामने आते हैं. वह पार्टी के नेताओं व नगर निगम के अधिकारियों से कहकर जितना संभव हो सके उतनी मदद गांव के लोगों को करवा देते हैं.' उसी क्षेत्र में रहने वाले भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष त्रिभुवन राय का कहना है कि 'ऐसा नहीं है कि गांव की अनदेखी की गई है. काम हो रहे हैं, लेकिन कोविड की वजह से बीते कुछ एक दो वर्षों में बजट के अभाव में काम रुके हैं. चुनाव के बाद जैसे ही बजट मिलेगा, गांव के विकास की जो भी जरूरी चीजें हैं वह पूरी कराई जाएंगी.'
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