अनदेखी का शिकार है मीरगंज विधानसभा क्षेत्र, देखें वीडियो
बरेली की नौ विधानसभाओं में से शामिल मीरगंज विधानसभा 2008 में अस्तित्व में आयी और यहां पहली बार 2012 में सूबे की सोलहवीं विधानसभा के लिए निर्वाचन हुआ था. यह विधानसभा रामपुर जिले की सीमा से लगी हुई है. इस विधानसभा का अपना ऐतिहासिक महत्व भी है. इस विधानसभा क्षेत्र को पहले कावर विधानसभा के नाम से जाना जाता था. दरअसल, मीरगंज विधानसभा सीट से पूर्व कावर विधानसभा भी इमरजेंसी से पहले 1974 में बनी थी. फतेहगंज पश्चिमी, शीशगढ़, शेरगढ़, शाही नगर पंचायत और मीरगंज नगरपालिका क्षेत्र से बनी इस विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 271 ग्राम पंचायते आती हैं. मूल रूप से आजीविका के लिए यहां के लोग खेती पर निर्भर करते हैं. यहां अनाज और गन्ने का उत्पादन बहुतायत में होता है. इसी विधानसभा में एशिया की नामी गिरामी कंपनी रबर फैक्ट्री हुआ करती थी लेकिन यह फैक्ट्री करीब 20 साल पहले ही बंद हो चुकी है. यहां के युवा रोजगार की तलाश में दिल्ली की ओर पलायन करते हैं . यहां विकास की तमाम संभावनाएं है, इसके बावजूद यहां के जनप्रतिनिधि जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सके. यहा के लोगों का आरोप है कि यह पूरा विधानसभा इलाका अनदेखी का शुकार है. यहां विकास की संभावनाएं है लेकिन विकास नहीं हुआ.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:11 PM IST