आस्था का केंद्र है लेहड़ा माता का दरबार, अज्ञातवास में पांडवों ने यहां बिताए थे दिन
शारदीय नवरात्रि की धूम आज हर तरफ है. मां दुर्गा के मंदिरों में भक्तों का हुजूम उमड़ा रहा है. मंदिर चाहे जहां का भी हो सब का एक अलग ही महत्व होता है. महराजगंज जिले के फरेंदा में स्थित मां लेहड़ा देवी का मंदिर यहां पर जो भी कोई सच्चे दिल से मन्नत मांगता है. उसकी हर मुरादे पूरी होती है. मां के प्रति एक नाविक के कुचक्र और महाभारत काल की कई कहानियों से जुड़े इस मंदिर में हर साल लाखों लोगों की भीड़ होती है. मां लेहड़ा देवी के दरबार में भारत के अनेक राज्यों के साथ-साथ नेपाल से भी काफी संख्या में मां के भक्त आते हैं और जंगल के बीच में स्थित दरबार में अपनी अरदास लगाते हैं. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि कई हजार साल पहले यहां पर एक नदी बहती थी. जहां एक दिन माता एक किशोरी का रूप रखकर गई और नाविक से नदी पार कराने को कहा. मां की सुंदरता पर आसक्त हो नाविक ने उनसे छेड़खानी करनी चाहिए, जिस पर कुपित होकर मां ने नाविक और नाव के साथ उसी पल जलसमाधि ले ली. आज भी वह नदी वहां पर बहती है. महाभारत काल मे यहीं पर अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने मां की आराधना की थी और द्रौपदी के आंचल फैलाकर आशीर्वाद मांगने पर मां ने पांडवों को विजय श्री का आशीर्वाद दिया था.
Last Updated : Oct 13, 2021, 11:04 AM IST