जय शनिदेव महाराज: न्याय के देवता से डरते हैं राजा से रंक तक, न डरे करे बस करे अच्छे कर्म
प्रयागराज: शनिदेव कलयुग के जागृत देवों में से एक हैं. वे शक्ति, अध्यात्म, साधना और न्याय के देवता है. शनिवार को शनिदेव का दिन माना जाता है, इसी कारण इस दिन के कारक देव यही हैं. इसके अलावा शनि को लेकर लोगों में अत्यधिक भ्रम की स्थिति बनी हुई है, जिस कारण हर कोई शनि से भय खाता है. भले ही ज्योतिष में शनि को दुख का कारक माना जाता हो, परंतु वास्तव में वह न्याय के देवता हैं, जो दंड के विधान का पालन करते हैं. न्याय के देवता न्यायाधीश कहे जाने वाले शनिदेव का नाम सुनते ही ज्यादातर लोग डर जाते हैं. उन्हें लगता है कि अब उनके साथ सिर्फ बुरा ही होने वाला है, लेकिन ऐसा नहीं है. शनि देव न्याय के देवता हैं और लोगों को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. बुरे कर्म करने वालों को शनिदेव अगर दंडित करते हैं, तो अच्छे कर्म करने वाले लोगों पर उनकी शुभ दृष्टि के साथ साथ बेहतर परिणाम भी देते हैं. वही शनिदेव की कृपा दृष्टि अगर जिस पर हो जाए उस व्यक्ति को हर काम में सफलता प्राप्त होती है. जहां एक ओर लोग अपने ऊपर शनि की साढ़े साती, शनि की ढैया या सुनते ही डर जाते है, लेकिन शनि दोष का नाम सुनते ही डरने की बजाए हमें अपने कर्मों में सुधार करना चाहिए. अपनी तरफ से हमेशा यही कोशिश करनी चाहिए कि हम सही रास्ते पर चलें, अच्छे कार्य करें, दूसरों को बेवजह परेशान न करें. साथ ही जरूरतमंद लोगों की मदद करें, ऐसा करने से शनिदेव बहुत जल्दी आपसे प्रसन्न हो जायेंगे.