मां कुष्मांडा के दर्शन को मंदिरों में लगी भक्तों की कतार, लोगों ने कहा- जय माता दी - काशी प्रमुख मंदिर
वाराणसीः चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा का विधान है. मां को अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है, क्योंकि उनकी आठ भुजाएं हैं. इन भुजाओं में कमंडल, धनुष-बाण, कमल पुष्प, शंख चक्र, गदा, हस्त और सभी सिद्धियों को देने वाली जपमाला है. मां के हाथों में इन सभी चीजों के अलावा कलश भी है. माता के दर्शन के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें दिखाई दीं. वाराणसी के दुर्गाकुंड क्षेत्र में मां का प्राचीन मंदिर स्थापित है. मंदिर की वजह से ही क्षेत्र का नाम दुर्गाकुंड पड़ा है, जोकि काशी के प्रमुख मंदिरों में से एक है.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:22 PM IST