वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया था. पीएम के इस सपने को साकार करने की कोशिश कर रहे हैं काशी के श्वेतांक. जिले के चिरईगांव ब्लॉक के नारायणपुर गांव के रहने वाले श्वेतांक पाठक और उनके कुछ साथियों ने अपने गांव में ही मोती की खेती शुरू की है. कृत्रिम तालाब में सीपीओ की मदद से वह ना सिर्फ डिजाइनर मोती तैयार कर रहे हैं, बल्कि कई युवाओं को रोजगार भी दे चुके हैं. जिसकी वजह से पीएम मोदी ने भी इन युवाओं की तारीफ अपने ट्विटर हैंडल पर की है.
आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रहे श्वेतांक, मोती की खेती कर दे रहे रोजगार
वाराणसी के रहने वाले श्वेतांक अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर मोती की खेती करने का काम कर रहे हैं. जिले के चिरईगांव ब्लॉक स्थित नारायनपुर गांव के रहने वाले श्वेतांक पाठक का कहना है, कि उन्होंने इंटरनेट में वीडियो देखकर खेती की तकनीक के बारे में जानकारी ली और अब गांव के कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.
नौकरी की जगह चुना आत्मनिर्भर होना
जिले के नारायणपुर गांव के रहने वाले श्वेतांक पाठक बीएड पास हैं. नौकरी रास न आने के कारण उन्होंने कुछ ऐसा करने का सोचा जिससे न केवल वह आत्मनिर्भर बने बल्कि गांव के कई नौजवानों को रोजगार भी दे रहे हैं. श्वेतांक पाठक ने बताया कि वह कुछ अलग करना चाह रहे थे. इसके लिए उन्होंने इंटरनेट के जरिए वीडियो से खेती की तकनीकों के बारे में जानकारी हासिल की. फल, सब्जी से कुछ अलग और यूनिक करने की चाह ने श्वेतांक को मोती की खेती की तरफ आकर्षित किया. जिसके बाद कुछ फुट गहरे गड्ढे में पानी भरने के बाद कुछ तकनीकी मदद से महज 30 से 32 हजार रुपये के खर्च में किस तरह मोती की खेती संभव है. इसकी ट्रेनिंग इंटरनेट के जरिए ली. इसके बाद श्वेतांक ने अपने साथ रोहित और मोहित को जोड़ा और फिर जुट गए अपने इस काम को नया आयाम देने.