चंदौली :बीते 23 अप्रैल को चंदौली के अलीनगर थाना क्षेत्र में हुए अभिषेक त्रिवेदी हत्याकांड का खुलासा शुक्रवार को अलीनगर पुलिस ने कर दिया. मामले में पुलिस ने मृतक के भाई मुख्य आरोपी सहित 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. वहीं, एक अभियुक्त मनीष फरार है. उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं
पुलिस ने अभियुक्तों की निशानदेही पर मृत अभिषेक त्रिवेदी के पैतृक आवास ग्राम मुठानी, मोहनिया, कैमूर बिहार के प्रथम तल स्थित कमरे से खून के अवशेष व मकान के पीछे स्व. नारदेश्वर तिवारी के मकान के खंडहर से खुन से सना हुआ एक अदद जूट का बोरा बरामद किया है. दो प्रिन्टेड कपड़ा रक्त रंजित, एक अदद तशला (तगाड़ी) तथा एक अदद सफेद कपड़ा रक्त रंजित बरामद किया है.
दरअसल, बीती 23 अप्रैल को अलीनगर क्षेत्र के ग्राम बसंतू की मड़ई ओवरब्रिज NH2 हाई-वे पर वाराणसी जाने वाले लेन पर सड़क के किनारे खड़ी रिट्ज कार की पिछली सीट पर पुलिस को एक व्यक्ति का रक्तरंजित शव मिला था. शव की शिनाख्त अभिषेक त्रिवेदी, निवासी मूल पता मुठानी थाना मोहनियां, जनपद कैमूर, भभुआ बिहार और हाल पता बालाजी एक्सटेंशन सामनेघाट, थाना लंका, जनपद वाराणसी के रूप में हुआ था. इस मामले में अभिषेक की पत्नी ने नामजद तहरीर दी थी. इसके आधार पर पुलिस, पंजीकृत किये गए मु.अ.सं. 107/21 धारा 302 भादवि में मामले की छानबीन कर रही थी.
इसी क्रम में प्रभारी निरीक्षक अलीनगर संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में अलीनगर पुलिस टीम एवं प्रभारी सर्विलांस टीम निरीक्षक अतुल नारायण सिंह के नेतृत्व में सर्विलांस व स्वाट टीम जनपद चंदौली द्वारा इलेक्ट्राॅनिक व धरातलीय साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की जा रही थी. इस क्रम में अभियुक्तगण :
(1) आलोक त्रिवेदी, निवासी मुठानी, थाना मोहनिया, जनपद कैमूर, बिहार, हाल पता सत्यम् नगर थाना लंका जनपद वाराणसी.
(2) मोहन तिवारी, निवासी मूल पता ग्राम तेंदुनी, थाना चेनारी, जनपद रोहतास, बिहार, वर्तमान पता बालाजी नगर कालोनी, थाना लंका, जनपद वाराणसी.
(3) मुकेश शर्मा, निवासी मुठानी, थाना मोहनिया, जिला कैमूर, बिहार.
(4) मनीष शर्मा, निवासी मुठानी, थाना मोहनिया, जिला कैमूर, बिहार. के विरूद्ध घटना में संलिप्त होने व गोली मारकर अभिषेक त्रिवेदी की नृशंस हत्या करने के संबंध में पुष्ट साक्ष्य पाकर अभियोग में धारा 201, 34 भादवि की बढ़ोतरी करते हुए शुक्रवार को तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं, मनीष शर्मा अभी भी फरार है.
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गिरफ्तार अभियुक्तगणों से पुलिस ने कड़ाई से की पूछताछ
पुलिस की पूछताछ में यह सामने आया कि अभिषेक त्रिवेदी व अभियुक्त आलोक त्रिवेदी आपस में भाई थे. अभियुक्त मोहन तिवारी वर्तमान में सामनेघाट लंका वाराणसी के जिस मकान में रहकर काशी विद्यापीट से बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा है, उसी मकान में बहुत पहले आलोक त्रिवेदी सपरिवार रहते थे. इस कारण मोहन का आलोक त्रिवेदी से अच्छा संबंध हो गया था. मोहन की अभिषेक त्रिवेदी व उसके परिवार से भी काफी घनिष्ठता हो गयी थी.
उधर, अभियुक्त मुकेश शर्मा व मनीष शर्मा सगे भाई हैं. मूल रूप से मुठानी के ही निवासी हैं। त्रिवेदी परिवार की जितनी भी जमीन मुठानी में है, उसको इन लोगों ने बंदोबस्ती पर ले रखा है. कई वर्षों से जोतते-बोते थे. बंदोबस्ती के आधार पर तय धनराशि आलोक त्रिवेदी को देते थे.
174 बीघा खेत के बंदोबस्ती के पैसों को लेकर हुई हत्या
आलोक त्रिवेदी व मृतक अभिषेक त्रिवेदी की करीब 69 बीघा जमीन ग्राम मुठानी में, 60 बीघा जमीन ग्राम छिपली कर्मनाशा बिहार में एवम् 45 बीघा जमीन ग्राम अमेहता थाना अगियांव जिला भोजपुर में पैतृक संपति थी. इसका आपसी बंटवारा सहमति से हुआ था. चुंकि आलोक त्रिवेदी व विवेक त्रिवेदी अपने पिता स्व. संजय त्रिवेदी की पहली पत्नी स्व.रामकुमारी देवी के संतान व मृतक अभिषेक त्रिवेदी अपने पिता स्व. संजय त्रिवेदी के दूसरी पत्नी छाया त्रिवेदी के संतान हैं तो विगत कई माह से मृत अभिषेक त्रिवेदी अभियुक्त आलोक त्रिवेदी से बंदोबस्ती से प्राप्त रूपयों को आधा–आधा बांटने को कहते थे.
आलोक त्रिवेदी को डर था कि कहीं अभिषेक पूरी संपति का आधा हिस्सा न मांग ले. उसने अपने छोटे भाई अभिषेक त्रिवेदी को जान से मार डालने की योजना बनाई. दो-दो लाख रूपये नगद व अन्य सुख सुविधाओं तथा आर्थिक मदद का भरोसा दिलाकर मोहन तिवारी, मुकेश शर्मा और मनीष शर्मा को अपने साथ शामिल कर लिया. योजनाबद्ध तरीके से पहले से ही अभियुक्त मनीष शर्मा से तमंचा व कारतूस की व्यवस्था करा ली गयी.