वाराणसी: यदि आप देश में स्थित धार्मिक स्थलों का भ्रमण नहीं कर सकते हैं तो वाराणसी चले आइए. शिव की नगरी काशी में पूरे देश के प्रमुख धार्मिक मंदिर मौजूद हैं. यहां दर्शन करके भी आप उतना ही पुण्य कमा सकते हैं. योगी सरकार इन धार्मिक स्थलों तक पहुंचने वाले पावन पथ और मंदिरों का जीर्णोद्धार कराने जा रही है. पावन पथ सर्किट में दस यात्राओं को शामिल किया गया है. पावन पथ यात्रा में 120 मंदिर के दर्शन होंगे. साथ ही इस पथ में पड़ने वाले धार्मिक मान्यता वाले कुंड, तलाब, कूप, घाट, प्राचीन वृक्ष का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा. काशी की सीमा में प्रवेश करते ही आपको पवन पथ सर्किट की सम्पूर्ण जानकारी मिल जाएगी. पावन पथ परियोजना पर लगभग 33.56 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
वाराणसी में जल, थल व नभ से जैसे ही आप पग रखेंगे आपको पावन पथ का पथ प्रदर्शक मिल जाएगा. इस पथ प्रदर्शक पर सभी दसों पावन पथों की सम्पूर्ण जानकारी अंकित मिलेगी जो एक से अधिक भाषा में होगी. पावन पथ सर्किट में 10 यात्राओं को शामिल किया गया है. इसमें अष्ट भैरव यात्रा, नौ गौरी यात्रा, नौ दुर्गायात्रा, अष्टविनायक यात्रा, अष्ट प्रधान विनायक, एकादश विनायक यात्रा, द्वादश ज्योतिर्लिंग यात्रा, काशी विष्णु यात्रा, द्वादश आदित्य यात्रा, काशी में चार धाम यात्रा है.
इतिहास से भी प्राचीन शहर काशी में पूर्व की सरकारों ने सनातन धर्म की आस्था के केंद्र काशी की इन धार्मिक यात्राओं और मंदिरों पर ध्यान नहीं दिया, जिससे इन महत्वपूर्ण धार्मिक यात्राओं के मार्ग और मंदिर गलियों में समय के साथ गुम होते चले गए. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ी योजना बनाई है. इससे काशी में आने वाले तीर्थ यात्री काशी के किसी भी धार्मिक पहलू से वंचित नहीं रहे.
वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि इस परियोजना में दस महत्वपूर्ण यात्राओं सहित काशी क्षेत्र के भीतर धार्मिक तीर्थ यात्रा को यात्रियों की सुविधाजनक बनाने के लिए की गई है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक पावन पथ यात्रा के लिए साइनेज, यात्रा का इतिहास और महत्व मानचित्र द्वारा प्रदर्शित होगा, जिससे यात्री पूरी यात्रा के बारे में सरलता से समझ पाए. इसके अलावा पावन पथ और उससे जुड़े करीब 120 मंदिरों और तलाब कुंड व अन्य स्थलों का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया जाएगा.
वाराणसी को भारत का महत्वपूर्ण तीर्थ केंद्र माना जाता है. देश-विदेश से आने वाले लोगों के लिए वाराणसी लघु भारत के रूप में सम्पूर्ण भारत को दर्शाता है. इस सर्किट का उद्देश्य, इन प्राचीन मंदिरों एवं इनके पौराणिक महत्व पर प्रकाश डालना और देश के समृद्ध भारतीय संस्कृति को एक बार फिर दुनिया तक पहुंचाना है.