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बेजुबानों के लिए वरदान साबित हो रही 'योगी सरकार' की योजना, जानें खासियत - उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. शिव सिंह

सड़कों पर घूमनेवाले गोवंशों के लिए योगी सरकार एक नई योजना लेकर आई है. वाराणसी में सरकार की तरफ से निराश्रित गोवंशों को गोद लेने की योजना संचालित की जा रही है. जिसका फायदा पशुपालकों के साथ गोवंशों को मिलेगा.

स्पेशल रिपोर्ट.
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Published : Jul 14, 2021, 10:49 AM IST

वाराणसी:सड़कों पर घूमने वाले गोवंश को यूपी सरकार की तरफ से बनाए गए गोआश्रय केंद्रों में रखा जा रहा है. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी अलग-अलग स्थानों पर गोआश्रय केंद्रों में 9,000 से ज्यादा गोवंश मौजूद हैं. जिन्हें कोई पूछने वाला नहीं है, लेकिन अब इन बेसहारों को भी नया घर और मालिक मिलने वाला है. क्योंकि बनारस में सरकार की निराश्रित गोवंशों को गोद लेने की योजना संचालित की जा रही है. जिसका फायदा निश्चित तौर पर पशुपालकों के साथ गोवंश को भी मिलेगा.

120 केंद्रों में 9 हजार से ज्यादा निराश्रित गोवंश

उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. शिव सिंह ने बताया कि यूपी सरकार की तरफ से संचालित होने वाली योजना का लाभ कोई भी व्यक्ति ले सकता है. इसके लिए वाराणसी में संचालित होने वाले 120 पशु आश्रय स्थलों में मौजूद लगभग 9,500 निराश्रित पशुओं को गोद देने की कवायद शुरू की गई है. इस कवायद का लाभ वह लोग उठा सकते हैं. जो उस क्षेत्र में संचालित होने वाले गोआश्रय केंद्र से पशु गोद लेना चाहते हैं. इस योजना का लाभ लेने के लिए अनिवार्य है कि जिस क्षेत्र में आश्रय केंद्र संचालित होता है. उस क्षेत्र में रहने वाले व्यक्ति को ही गोवंश दिए जा सकते हैं.

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यह है गोद लेने का तरीका
डॉ. शिव सिंह ने बताया कि इसके लिए व्यक्ति को विकास खंड अधिकारी के कार्यालय में जाकर एक एप्लीकेशन देना होता है. एक बार में 4 पशुओं को गोद लिया जा सकता है. जिनमें गाय-बछड़े शामिल हैं. इनमें अधिकांश वह गाय होती हैं जो दूध देने की स्थिति में नहीं होती हैं या उनके मालिक उन्हें छोड़ देते हैं. ऐसी स्थिति में इन गोवंश को कोई पूछता नहीं है.


सरकारी रेट से होता है चारे का भुगतान

कई गाय इलाज करवाने के बाद दूध देने की स्थिति में आ जाती है तो कई गाय को खेतों में काम करने से लेकर अन्य कार्यों में इस्तेमाल किया जा सकता है. गाय के बच्चों का इस्तेमाल भी कोल्हू चलाने, खेत में काम के लिए किया जा सकता है. इसके लिए सरकारी योजना का लाभ तो मिलता ही है. साथ में 30 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से प्रत्येक पशुओं के चारे का भुगतान भी किया जाता है, यानी कुल मिलाकर इस योजना का लाभ एक तरफ तो पशुपालकों को मिलेगा. साथ ही साथ बेसहारों निराश्रित पशुओं के लिए घर की भी व्यवस्था हो जाएगी. फिलहाल अब तक विभाग की तरफ से 1,321 पशु गोद दिए जा चुके हैं और कई आवेदन लगातार आ रहे हैं. मतलब इस योजना का लाभ निश्चित तौर पर इन बेसहारा और बेजुबान जानवरों को घर दिलाने में बड़ी मदद कर सकता है.


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