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योगी सरकार ने केंद्र के साथ मिलकर बदली काशी की तस्वीर, पिछले कार्यों को प्राथमिकता पर किया पूरा

योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल को आज एक वर्ष पूरे हो गए. डबल इंजन की सरकार के कारण वाराणसी में आज बड़े पैमाने पर बदलाव दिख रहा है. यहां विकास के काम होने से लोगों में बहुत सी उम्मीदें जगी हैं. आइए योगी 2.0 की इस सरकार में बीते 6 सालों में बदले बनारस की बदली तस्वीर की कहानी बताते हैं आपको.

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Published : Mar 25, 2023, 12:40 PM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल को आज 1 वर्ष पूरे हो रहे हैं. इस 1 वर्ष में उत्तर प्रदेश समेत प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में योगी सरकार के कार्य की वजह से बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिले हैं. 5 साल पहले पुरानी सरकार और 1 साल पुरानी इस सरकार में बनारस में फ्लाईओवर के कामों से लेकर विकास के कामों ने नयी उम्मीद जगाई है.

उत्तर प्रदेश के सीएम के तौर पर योगी आदित्यनाथ ने 2017 में जब पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद 2022 में दोबारा पूर्ण बहुमत की सरकार की बागडोर उन्होंने संभाली. तब केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार के डबल इंजन की ताकत से विकास ने रफ्तार पकड़ ली. आज पूरे देश में काशी विकास की कहानी कह रहा है. सरकार के पीआर सेल की तरफ से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट तौर पर बताया गया है कि इन 6 सालों में काशी की बदलती तस्वीर को किस तरह से प्रस्तुत करने का काम किया गया, किस तरह से काशी में विकास कार्यों ने रफ्तार पकड़ी है.

पहले काशी की गलियों में फैली गंदगी काशी की पहचान हुआ करती थी. मोदी और योगी सरकार ने काशी का ऐसा कायाकल्प किया कि वाराणसी की सूरत ही बदल गई. जन सुविधाओं से जुड़ी चीजों का तेजी से विकास हुआ. पर्यटन को बढ़ावा, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, चिकित्सा, आवास, शौचालय, गंगा, घाट, यातायात, सड़क, रिंग रोड, राष्ट्रीय राजमार्ग, पेयजल, सीवर, खेल जैसे क्षेत्र में विकास के अभूतपूर्व काम हुए. इससे वाराणसी समेत पूरे पूर्वांचल के लोगों का जीवन सरल और सुगम हुआ है. साथ ही रोजगार और आजीविका के साधन उपलब्ध हो रहे हैं.

देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे का शिलान्यास बनारस में हो चुका है. योगी सरकार पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के गेटवे काशी को तेजी से विकसित कर रही है, जिससे बनारस की बदलती हुई नई तस्वीर दुनिया के सामने आ रही है. काशी की पहचान गलियों के मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए आधुनिक बनाया गया. स्वच्छता अभियान ने गंदगी का काफी हद तक सफाया कर दिया. सड़कें चौड़ी हो गईं, रिंग रोड, फ्लाईओवर शहर के यातायात को राहत पहुंचा रहे हैं. निर्माणधीन सड़क और फ्लाईओवर बनारस की यातायात के लिए संजीवनी बनकर उभरे हैं. वहीं, जल परिवहन को भी सरकार ने मजबूती दी है.

स्थानीय पर्यटन के लिए 4 क्रूज इस वक्त गंगा में संचालित हैं. साथ ही सैलानियों के लिए देश की सबसे लम्बी क्रूज यात्रा गंगा विलास भी वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए संचालित हो रही है. बंदरगाह से बड़ी क्रूज के साथ ही मालवाहक जहाज की भी आवाजाही हो रही है. खाद्य सामग्री खास तौर पर सब्जियों और पेरिशेबल आइटम का निर्यात किया जा रहा है. प्राथमिक और कम्पोज़िट स्कूल के नए भवन अत्याधुनिक सुविधा से लैस हैं, जो महंगे कॉन्वेंट स्कूल को टक्कर दे रहे हैं. भव्य और दिव्य श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का निर्माण वाराणसी में पर्यटकों की आमद का रिकॉर्ड बना रहा है.

सारनाथ में प्रो पुअर पर्यटन प्रोजेक्ट के तहत काम शुरू हुआ है, जिससे आस-पास के क्षेत्र के लोगों को बड़ी तादात में रोजगार मिलेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में जल मिशन योजना, संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में आधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का निर्माण शुरू हुआ है. स्टेडियम बन जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी तैयार करने और मैच कराने में सहूलियत होगी. इसके अलावा वाराणसी में इंटरनेशनल स्तर के क्रिकेट स्टेडियम की पूरी तैयारी है. शिलान्यास अप्रैल में होने की सम्भावना है. यहां आईपीएल समेत अंतररष्ट्रीय मैच खेले जा सकेंगे और अकादमी के संचालन से नेशनल लेवल के खिलाड़ी भी तैयार होंगे. नमो घाट पर्यटकों का नया डेस्टिनेशन बन गया है. पीएनजी से घरों में सस्ते चूल्हे जल रहे हैं. वहीं, सीएनजी पर्यावरण और जनता की जेब दोनों बचा रही है. हैंडीक्राफ्ट से जुड़े शिल्पी परम्परागत काम से मुंह मोड़ रहे थे. सरकार ने इसे ओडीओपी व जीआई टैगिंग में शामिल करके संजीवनी दी है. अब ये उत्पाद अंतरराष्ट्रीय सैर कर रहे हें. इससे हजारों परिवार को रोजगार मिल रहा है. यही नहीं, लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का विस्तार हो रहा है.

अक्षय पात्र मध्याह्न भोजन रसोई शुरुआत होना इस सरकार में ही संभव हुआ है. इस मेगा किचन में एक लाख छात्रों के लिए भोजन पकाया जा सकता है. गरीबों को छत देने के लिए पीएम आवास योजना के घटक अफोर्डेबल हाउसिंग इन-पार्टनरशिप के अंतर्गत ग्राम हरहुआ, दासेपुर, वाराणसी में 608 ईडब्ल्यूएस भवनों का निर्माण हो चुका है. अन्य जगह भी निर्माण अंतिम दौर में है. वर्षों से बेकार पड़ी जगह का इस्तमाल करते हुए दशाश्वमेध घाट क्षेत्र पुनर्विकास परियोजना का निर्माण कार्य, जिसमें आधुनिक फ़ूड प्लाज़ा बना है. पिण्डरा के ग्राम महगांव (कटेहरा) में आईटीआई निर्माण. अनुपयोगी पड़ी जगह को योगी सरकार ने उपयोगी बनाते हुए लहरतारा से चौकाघाट फ्लाईओवर का नीचे वेंडिंग जोन बनवाया है. खेत खलिहान और औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा के लिए इंडस्ट्रियल एरिया में अग्निशमन केंद्र का निर्माण हुआ. कम्प्रेस्ड बायो गैस का प्लांट हो गया, जिससे फर्टिलाइज़र भी बनेगा और किसानों की आय वृद्धि होगी. कूड़े से कोयले बनाने का प्लांट का भी सफल परीक्षण हो चुका है. नए एसटीपी प्लांटों के शुरू होने से गंगा में काफी हद तक गंदगी रुक गई है. इससे गंगा स्वच्छ और निर्मल हो रही है.

रेत पर बसी टेंट सिटी पर्यटकों को लुभाने के साथ ही लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रही है. लहरतारा और बीएचयू में कैंसर अस्पताल की शुरुआत हुई. ईएसआई अस्पताल, क्षेत्रीय आंख का अस्पताल समेत कई अस्पतालों को उच्चीकृत किया गया है. कोरोना काल में सफल टीकाकारण, रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर, संत शिरोमणि गुरु रविदास जन्मस्थली का पर्यटन विकास किया जा रहा है. पंचक्रोशी समेत कई धार्मिक यात्राओं का विकास, गोवंश के संरक्षण पर कार्य और वाराणसी में कमिश्नरेट व्यवस्था लागू की गई. संगठित अपराध के गढ़ पूर्वांचल में माफियाओं की कमर तोड़ी गई, जिससे कानून का राज कायम हुआ. परिणामस्वरुप ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में उद्यमियों का रुझान वाराणसी और पूर्वांचल को लेकर बढ़ा है.

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