वाराणसी :इंटरनेशनल वूमेन रेसलर गीता फोगाट रविवार की देर शाम तेजस्विनी स्ट्रांग वूमेन क्लब के पहले स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि वाराणसी पहुंची. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "महिला सशक्तिकरण और महिलाओं को खेल की दुनिया में आगे लाने के लिए मेरा सपना है कि मैं एक रेसलिंग एकेडमी महिलाओं के लिए खोलना चाहती हूं. मुझे लगता है कि लड़कियों को बढ़ावा देने के लिS मैं इससे बेहतर और कुछ नहीं कर सकती. उत्तर प्रदेश की अगर बात करें तो यहां की लड़कियां भी स्पोर्ट्स में आगे आ रही है. यहां प्रतिभाओं की कमी नहीं है. बदलाव हुआ है और बदलाव की जरूरत है."
गीता फोगाट ने मंदिर में की पूजा यूपी की लड़कियों ने देश का नाम किया है रौशन उत्तर प्रदेश में महिला स्पोर्ट्स खिलाड़ियों के लिए उन्होंने कहा, "मेरी काफी सीनियर और इंटरनेशनल रेसलर अलका तोमर मेरठ की निवासी हैं. इसके अलावा बनारस की सिंह सिस्टर को कौन नहीं जानता. इन्होंने अपनी मेहनत और लगन से सफलता के मुकाम को पाया है. उत्तर प्रदेश की लड़कियों ने भी देश का नाम रौशन किया है.
खेल के साथ साथ पढ़ाई भी है जरूरी
गीता फोगाट ने पढ़ाई के साथ-साथ खेल के सवाल पर कहा कि "देखिए अगर हम दोनों चीजों का टारगेट लेकर चलते हैं कि स्पोर्ट्स और पढ़ाई दोनों में अव्वल रहे क्योंकि हम दो नाव पर सवार नहीं हो सकते. वो परफॉर्मेंस नही दे पाते. अगर हम एक फील्ड को चूने और उसी पर फोकस करते है तो वो बेहतर रहता है, लेकिन मैं ये भी कहना चाहूंगी कि खेल के साथ साथ पढ़ाई भी जरूरी है.
माता पिता का है संपूर्ण योगदान
गीता फोगाट ने अपनी सफलता के पीछे अपने माता-पिता का संपूर्ण योगदान बताया. उन्होंने कहा, "आज हम जिस मुकाम पर खड़े हैं वो सिर्फ और सिर्फ अपनी माता-पिता के बदौलत खड़े हैं. मेहनत हमने की है इसमें कोई दो राय नहीं, लेकिन मेरे पिता जी मेरे कोच थे, पिता थे और दूसरा उन्होने कभी भी ये सोचने नही दिया कि लोग क्या कहेंगे समाज क्या कहेगा. उन्होंने कभी भी बेटा और बेटी में अंतर नहीं माना. इसी वजह से आज हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं."