वाराणसी: नवजात बच्चे और मां की स्वास्थ्य देखभाल के लिए 1 अगस्त से 'विश्व स्तनपान सप्ताह' का आयोजन होने वाला है. इस अभियान में मुख्य रूप से शिशु के जन्म के पहले घंटे के अंदर मां का पहला गाढ़ा दूध पिलाने, छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराना, कंगारू मदर केयर एवं गृह आधारित नवजात की देखभाल के बारे में जागरूक और प्रेरित किया जाएगा, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित रहें. खास बात यह है कि इस वर्ष की थीम 'स्तनपान शिक्षा और सहयोग के लिए बढ़ाएं कदम' निर्धारित की गई है.
जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए चलेगा अभियान: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि 1 अगस्त से शुरू हो रहे स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत जनपद में स्तनपान प्रोत्साहन से जुड़ी जन-जागरुक गतिविधियां होंगी. इसमें एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम होगी. उन्होंने बताया कि शिशु के सर्वांगीण विकास में स्तनपान का खास योगदान है. पहला जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पहला गाढ़ा दूध पिलाना, दूसरा छह माह तक शिशु को सिर्फ स्तनपान कराना और तीसरा दो वर्ष तक बच्चे को पूरक आहार के साथ स्तनपान कराना और दो वर्ष पूरे होने तक स्तनपान जारी रखना हैं.
क्या कहते हैं स्तनपान के आंकड़े: डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वेक्षण- 4 के अनुसार जिले में 18.3 फीसदी जन्मे शिशुओं को एक घंटे के अंदर स्तनपान कराया गया, जबकि 2019-21 में यह बढ़कर 36.5 फीसदी हो गया है. एनएफएचएस-4 में छह माह तक के 23.5 फीसदी बच्चों को सिर्फ स्तनपान कराया गया है. एनएफएचएस-5 में बढ़कर यह 47.5 फीसदी हो गया है. यानी कि एनएफएचएस-4 में छह से 23 माह तक के 4.8 फीसदी बच्चों को स्तनपान के साथ अनुपूरक मिला. वहीं एनएफएचएस-5 में यह बढ़कर 6.6 फीसदी हो गया है.
कई बीमारियों से मिलती है राहत: डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि स्तनपान स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु को भी कम करता है. वहीं जिन शिशुओं को जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान नहीं कराया जाता है, उनमें नवजात मृत्युदर की संभावना 33 फीसदी अधिक होती है. उन्होंने कहा कि नवजात को कुपोषण से बचाने के लिए जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान प्रारंभ करें. छह माह तक केवल स्तनपान कराएं और छह माह पूरे होने पर संपूर्ण आहार दें. इस अभियान के लिए आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर सभी धात्री महिलाओं और परिजनों को जन्म के पहले घंटे के अंदर और छह माह तक सिर्फ स्तनपान के लिए जागरूक और प्रेरित करेंगी. कोविड अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है तो साफ-सफाई, हाथ धोना, दूध पिलाते समय नाक और मुंह पर मास्क लगाने जैसी बातों का विशेष ख्याल रखें.
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