वाराणसी: सोमवार को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कामधेनु सभागार में काशी मंथन की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया गया. काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर मिथक, तथ्य, चुनौती और संभावनाएं विषय व्याख्यान को संबोधित किया. वहीं कार्यशाला में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र प्रोफेसर भी मौजूद रहे.
बीएचयू में आयोजित की गई कार्यशाला, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पर हुई चर्चा
वाराणसी के बीएचयू में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना को लेकर चर्चा की गई. चर्चा में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र प्रोफेसर भी मौजूद रहे.
विश्वनाथ धाम से काशी की संस्कृति से परिचित हो का संसार
बीएचयू में कार्यशाला का आयोजन किया गया-
- बीएचयू के कामधेनु सभागार में कार्यक्रम आयोजित हुआ.
- कार्यशाला में काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने व्याख्यान दिया.
- कार्यशाला में परियोजना के निर्माण के दौरान पुराने मंदिरों को तोड़ने पर भी हुई चर्चा.
- कार्यशाला में बताया गया कि कॉरिडोर के सर्वेक्षण के दौरान कुल 46 मंदिरों को चिन्हित किया गया है.
- मंदिरों के ऐतिहासिक स्वरूप का ध्यान रखते हुए उन्हें उनके मूल स्वरूप में रखा जाएगा.
- काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है.
- यह परियोजना सितंबर 2021 तक पूरी करने का लक्ष्य है.
- परियोजना पूरी होने के बाद विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र के ऐतिहासिक मंदिरों के दर्शन करने में सहूलियत होगी.
यह आयोजन काशी मंथन ट्रस्ट के द्वारा किया गया है. इस आयोजन का उद्देश्य काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ नगर वासियों को यह बात पहुंचाई जा सके, काशी विश्वनाथ धाम के बारे में जो भ्रांतियां हैं चुनौतियां हैं तथा क्या संभावनाएं हैं. इस पर एक विस्तार से चर्चा की गई.
-डॉ. सुनील तिवारी
Last Updated : Jul 15, 2019, 2:46 PM IST