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वाराणसी: बाबा को 51 किलो रुद्राक्ष की माला चढ़ाने को लेकर घंटों चली पंचायत - varanasi ka samachar

बाबा के जन्मदिन पर ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ताओं ने बाबा को चढ़ाने के लिए 51 किलो की रुद्राक्ष माला को बनवाया था. लेकिन मंदिर जाते वक्त पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोक दिया.

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51 किलो की रुद्राक्ष माला

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Published : Jul 5, 2022, 5:44 PM IST

Updated : Jul 5, 2022, 7:40 PM IST

वाराणसी:काशी विश्वनाथ धाम में बाबा को 51 किलो का रुद्राक्ष की माला को ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ता चढ़ाने जा रहे थे. इन कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक दिया. काफी देर चली पंचायत के बाद कम लोगों के साथ भक्तों को मंदिर प्रांगण में प्रवेश दिया गया.

आपको बता दें ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी का मामला अभी न्यायालय में चल रहा है. शहर मे धारा 144 सहित श्रृंगार गौरी दर्शन पूजन पर पूरी तरह से रोक लगाया गया है. इसके बाद भी ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ता 51 किलो की रुद्राक्ष माला चढ़ाने की जिद कर रहे थे. इसके बाद वाराणसी प्रशासन ने उन्हें रोका. गुस्साए कार्यकर्ताओं ने मैदागिन पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरु कर दिया. कार्यकर्ताओं और पुलिस में काफी देर तक मंदिर जाने को लेकर तीखी बहस होती रही. अंत में वाराणसी प्रशासन ने 15 कार्यकर्ताओं को रुद्राक्ष की माला चढ़ाने की अनुमति दी. जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने हर हर महादेव का उद्घोष किया. साथ ही वाराणसी प्रशासन का आभार व्यक्त किया.

51 किलो रुद्राक्ष की माला बाबा को चढ़ाने को लेकर घंटों चली पंचायत
इसे भी पढ़े-ज्ञानवापी मामले में पोषणीयता को लेकर मुस्लिम पक्ष ने रखी अपनी बात, अब 12 जुलाई को कोर्ट आगे बढ़ाएगा कार्यवाहीराजा आनंद ज्योति सिंह ने बताया कि, आज उनका जन्मदिन है. इसलिए उन्होंने बाबा को चढ़ाने के लिए 51 किलो की रुद्राक्ष माला को बनवाया था. लेकिन मंदिर जाते वक्त पुलिस प्रशास ने उन्हें रोक दिया. आरोप लगाया कि प्रशासन सहयोग करने के बजाय हम लोगों को मंदिर परिसर में जाने से रोकने लगी. जबकि हमलोगों ने साफ बताया था कि हम काशी विश्वनाथ धाम जा रहे हैं न कि ज्ञानवापी परिसर. विश्वनाथ को रुद्राक्ष का माला चढ़ाएंगे और वहां स्थित हनुमान जी के मंदिर पर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. बावजूद इसके प्रशासन हमें नहीं जाने देना चाहता है. हमें क्यों रोका जा रहा है. मंदिर मस्जिद का मामला न्यायालय में है हम अधिवक्ता हैं न्यायालय का सम्मान करते हैं हमें केवल पूजन करना है.
Last Updated : Jul 5, 2022, 7:40 PM IST

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