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महिलाओं का हुनर देख दंग रह जाएंगे आप, देसी स्टाइल में गोबर से तैयार किए खूबसूरत मूर्तियां - वाराणसी में गोबर से मूर्तियां

वाराणसी में महिलाओं ने गोबर से कई खूबसूरत मूर्तियां तैयार की है. जिसको देकर सभी एक पल के लिए दंग रह जाएंगे. महिलाओं का कहना है ये गोबर उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि वह इसके जरिए कमाएं गए पैसों से अपना घर खर्च भी चलाती है.

खूबसूरत मूर्तियां
खूबसूरत मूर्तियां

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Published : Jan 2, 2023, 10:18 PM IST

Updated : Jan 2, 2023, 10:48 PM IST

देशी स्टाइल में गोबर से तैयार किए खूबसूरत मूर्तियां

वाराणसी:आजकल घर को सजाने संवारने और नेगेटिव एनर्जी को हटाकर पॉजिटिविटी लाने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते है. काफी रुपये खर्च होते हैं. खुद को देसी दिखाने के चक्कर में लोग विदेशी चीजों को भी देसी बनाकर उनका इस्तेमाल करने लगते हैं. लेकिन सही मायने में देसी देसी है और विदेशी को देशी बताकर इस्तेमाल करने वाले कहीं न कहीं से अपनी सभ्यता और संस्कृति से भी खिलवाड़ करते हैं. यही वजह है कि कल तक जो गोबर लोगों को गंदगी और मिसयूज की चीज लगता था. वह आज जिंदगी के हर काम में महत्वपूर्ण रोल निभाने लगा है. कल तक इस गोबर से जहां सिर्फ उपले बनाए जाते थे. अब उस गोबर से ऐसा करिश्मा हुआ है कि एक से बढ़कर एक मूर्तियां सजावटी सामान और न जाने क्या-क्या चीजें बनाई जा रही है.

दरअसल वाराणसी में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के साथ ही इन समूह की मदद करने वाली कई सामाजिक संस्थाए गोबर को इंटरनेशनल लेवल पर ले जाने में जुटी हुई है. जी हां 4 से 5 हजार स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की मदद से न सिर्फ रोजगार सृजित कर रही हैं, बल्कि गोबर को ऐसे ऐसे रूप में लोगों के सामने प्रस्तुत कर रही हैं कि आप भी देखकर एक बार चक्कर खा जाएंगे.

गोबर से बनाई गई घड़ी

वाराणसी के ग्रामीण अंचल में रहने वाली महिलाओं ने गोबर को अलग-अलग तरीके से मार्केट में ले जाने की प्लानिंग करके ऐसे प्रोडक्ट बनाने शुरू कर दिए हैं. जिसे देखकर आप कह ही नहीं पाएंगे कि यह गोबर से बने हुए प्रोडक्ट हैं. चाहे कृष्ण राधा की मूर्ति हो चाहे गणेश लक्ष्मी की प्रतिमा, चाहे सरस्वती और भगवान शंकर समेत अन्य भगवान की मूर्तियां. गोबर से बनाए जाने के बाद इन पर होने वाले प्राकृतिक रंग यम प्रोडक्ट के गोबर से निर्मित होने का एहसास होने ही नहीं देते. इतना ही नहीं घर की माला सजावट के लिए लाफिंग बुद्धा, मेडिकेटेड बुद्धा और एक से बढ़कर एक गुड़िया, पेन स्टैंड, मोबाइल स्टैंड और घड़ी से लेकर मुख्य दरवाजे पर लगाए जाने वाले तोरण और अन्य सजावटी सामान गोबर से ही तैयार किए जा रहे हैं.

बनारस में गोबर के काम को रफ्तार देने वाली शिवपुर इलाके की रीता तिवारी गोबर के प्रोडक्ट से 300 से ज्यादा सामान बनाए जाने का दावा करती हैं. उनका कहना है कि गोबर से गोधनी पूजा सामग्री हवन सामग्री भगवान की मूर्तियां सजावट के सामान बनाने का काम किया जाता ह. इस काम में लगभग 4000 से ज्यादा ग्रामीण इलाके की महिलाएं लगी हुई है. कल तक अपने गांव में घर की चौखट लगने से डरती थी और आज या घर बैठे गोबर से अलग-अलग प्रोडक्ट बनाकर 4 से 5 हजार रुपये महीनें कमा रही हैं.

रीता तिवारी का कहना है कई लोगों के लिए यह गोबर गंदगी होगा. लेकिन हमारे लिए तो यह करोड़ों अरबों की संपत्ति है. इसमें सिर्फ हमें ही नहीं बल्कि हजारों महिलाओं को जीवन जीने का तरीका सिखा दिया है. आज गोबर लोगों को रोजगार दे रहा है और घरों को शुद्धता के साथ सजाने के एक से बढ़कर एक चीजें उपलब्ध करवा रहा है. वहीं, इस काम को करके अपनी एक अलग पहचान बना रहे. गांव की रहने वाली गायत्री यादव का कहना है कि कल तक हम गांव की पगडंडी तक ही सीमित थे. अपने घर के दरवाजे से बाहर निकलना और खेतों तक जाना ही हमारी जिंदगी थी, लेकिन आज हमें एक अलग पहचान मिल रही है. गोबर और गौ मूत्र के जरिए हम खेतों के लिए खास दवाइयां और सजावटी सामान बनाकर हर रोज कभी सौ तो कभी 200 रुपये कमा लेती हैं.

Last Updated : Jan 2, 2023, 10:48 PM IST

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