वाराणसी: जनपद की एक महिला पिछले 25 सालों से अन्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में जुटी हैं. उस महिला का नाम है डॉ. माधुरी श्रीवास्तव. डॉ. माधुरी प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के साथ ही महिलाओं को सशक्त बनाने का काम सालों से कर रही हैं. पहले ब्यूटीशियन, सिलाई-कढ़ाई, हैंडिक्राफ्ट बनाने जैसे तमाम कोर्स करती थीं, लेकिन अब आधुनिक युग को देखते हुए उन्होंने नेल आर्ट को सिखाने का भी काम शुरू किया है.
महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर
आर्ट एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें हर कोई खुद को निपुण कर रोजगार पा सकता है. वहीं महिलाएं आज अलग-अलग नेल आर्ट्स सीखकर खुद को आत्मनिर्भर बना रही हैं. वाराणसी की रहने वाली डॉ. माधुरी श्रीवास्तव पहले से ही समाजसेवा करती आ रही हैं. इन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का ख्वाब देखा और श्वेता शिल्प कला केंद्र की शुरुआत की. केंद्र की डायरेक्टर डॉ. माधुरी श्रीवास्तव ने बताया कि वह महिलाओं को रोजगार देती हैं. उनके यहां इंडियन आर्ट क्राफ्ट, कल्चर, म्यूजिक, ब्यूटीशियन, नेल आर्ट्स वैगरह सिखाए जाते हैं.
डॉ. माधुरी बताती हैं कि वह अपने माता-पिता की तीन बेटियों में वह सबसे बड़ी हैं. उनके समाज में कायस्थ बिरादरी से ताल्लुक रखने वाली लड़कियों के पैदा होने पर लोग रोते थे. दहेज देना और लड़कियों के लिए वर ढूंढना जैसी सोच होती थी. वह कहती हैं कि उनका उद्देश्य लोगों की इस सोच को बदलना था. इसके लिए उनके प्रेरणास्रोत कोई और नहीं, बल्कि उनका परिवार है. उनके पिता ने कहा था कि खुद के अंदर इतनी काबिलित पैदा करो कि तुम्हें किसी के दरवाजे तक न जाना पड़े.
निम्न आय वर्ग की महिलाओं को करती हैं प्रशिक्षित
डॉ. माधुरी निम्न आय वर्ग की महिलाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण देती हैं. केंद्र में ब्यूटिशियन में रूचि रखने वाली महिलाओं को सिखाया जाता है. माधुरी के केंद्र पर कई महिलाएं काम करती हैं, जहां पर मेकअप, हेयर स्टाइल, पेंटिंग, ड्रेस डिजाइन, मेहंदी व दुल्हन सजाने जैसे कोर्स सिखाए जाते हैं.